BJP को बागी तेवर दिखाने वाले राजभर आखिरकार मान गए, अमित शाह ने उनके बेटे से मुलाकात कर ऐसे किया राजी

चुनाव से पहले राजनीतिक दल अपने सियासी रिश्तों को जरूर टटोल लेते हैं. हर शिकायत और गुंजाइश को बैठकों में खत्म कर दिया जाता है.

खास बातें

  • आखिरकार मान गए ओम प्रकाश राजभर
  • अमित शाह के साथ ओपी राजभर के बेटे की हुई मुलाकात
  • 26 फरवरी पर होगी सीटों के बंटवारे पर आखिरी बात
नई दिल्ली:

चुनाव से पहले राजनीतिक दल अपने सियासी रिश्तों को जरूर टटोल लेते हैं. हर शिकायत और गुंजाइश को बैठकों में खत्म कर दिया जाता है. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिल रहा है. योगी सरकार में मंत्री और बीजेपी की सहयोगी दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की नाराजगी को दूर कर दिया गया है. मोदी सरकार और बीजेपी से नाराज चल रहे ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर से अमित शाह की मुलाकात हुई. जानकारी के मुताबिक इस मुलाकात में राजभर की लगभग सभी मांगों को मान लिया गया है. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी मौजूद थे. 

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प्राप्त जानकारी के अनुसार ओमप्रकाश राजभर ने अपने इलाकों में रुके विकास कामों को तुरंत शुरू कराने की मांग की थी जोकि मांग ली गई है. इसके अलावा राजभर ने मांग की थी कि पिछड़ा वर्ग आयोग में आधा दर्जन समर्थकों को सदस्य बनाया जाए. इसे भी स्वीकार कर लिया गया है. इसके अलावा लखनऊ के राजभवन कॉलोनी में ओम प्रकाश राजभर को अपनी पार्टी के दफ्तर के लिए टाइप 6 का बंगला दिया जाएगा. उनके लिए राजभवन कॉलोनी में 2 नंबर बंगले को चुना गया है. हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक बात नहीं पाई है. 

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सीटों पर बंटवारे के लिए 26 फरवरी का दिन चुना गया है. इस दिन तय होगा कि गठबंधन में राजभर की पार्टी के हिस्से में कितनी सीटें आएंगी. बता दें कि खफा ओम प्रकाश राजभर ने योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. अपनी मांगें नहीं माने जाने से वह काफी दिनों से नाराज चल रहे थे.