सचिन पायलट को 2019 में UPA सरकार बनने की उम्मीद, कहा- दबाव में है BJP, कारण भी बताया...

राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) को पूरा भरोसा है कि केंद्र में अगली सरकार कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए (UPA) की बनेगी.

सचिन पायलट को 2019 में UPA सरकार बनने की उम्मीद, कहा- दबाव में है BJP, कारण भी बताया...

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट. (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सचिन पायलट बोले- केंद्र में बनेगी यूपीए सरकार
  • राजस्थान के डिप्टी सीएम बोले-दबाव में है बीजेपी
  • 'बिहार में सीटों के बंटवारे से यह झलकता है'
जयपुर:

राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot)को पूरा भरोसा है कि केंद्र में अगली सरकार कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए (UPA) की बनेगी. इसके साथ ही उन्होंने बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर BJP पर भी निशाना साधा. उन्होंने इसे दबाव में उठाया गया कदम बताया है जो NDA सरकार की कमजोरी को दिखाता है. पायलट के अनुसार, भाजपा नेताओं के अहंकार के चलते उसके सहयोगी दल राजग गठबंधन को छोड़ रहे हैं और भाजपा अब दबाव और डर में है जो बिहार में सीटों के बंटवारे में दिखता है. पायलट ने कहा, 'भाजपा के सहयोगी उसे छोड़ रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा राजग से अलग हो गए हैं. तेलुगु देशम पार्टी पहले ही किनारा कर चुकी है तो शिवसेना भी उनके साथ नहीं. अब भाजपा दबाव में है यही कारण है कि उन्होंने बिहार में जेडीयू को 17 सीटें दी हैं, जिसके केवल दो सांसद हैं. असुरक्षा का इससे बड़ा उदाहरण और क्या हो सकता है.'

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उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कांग्रेस के बारे में कहते हैं कि वह अपने सहयोगी दलों के साथ अस्तित्व बचाए रखने की कोशिश कर रही है, जबकि तीन राज्यों ...राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव परिणामों से देश भर में मजबूत संदेश गया है. पायलट ने कहा, 'केंद्र की यह पूर्ण बहुमत वाली सरकार इतनी कमजोर हो गई है कि उसने बिहार में लोकसभा की लगभग आधी सीटें ऐसी पार्टी को देने की घोषणा की है, जिसके केवल दो सांसद हैं. पार्टी को डर है कि लोग उसे वोट नहीं देंगे, जबकि उसके सहयोगी भी उसे आंखे दिखा रहे हैं. यह तभी होता है जब सत्तारूढ़ सरकार कमजोर हो.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री पायलट ने कहा कि भाजपा को यह तथ्य स्वीकार करना चाहिए कि उसे तीन राज्यों में बड़ा झटका लगा है और उसे हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. पायलट ने कहा, 'नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी नेतृत्व को हार की जिम्मेवारी लेनी चाहिए. जब कभी कांग्रेस की हार हुई तो पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने उसे विनम्रता से स्वीकार किया, लेकिन भाजपा के नेता इतने अहंकारी हैं कि तीन राज्यों में हार के बावजूद जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं. इसके साथ ही पायलट ने भरोसा जताया कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में मिली सफलता को आगामी लोकसभा में भी जारी रखेगी.

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उन्होंने कहा, '2013 में हमारी सिर्फ 21 सीटें थीं जो 2018 के हालिया विधानसभा चुनाव में लगभग पांच गुना होकर 99 हो गई. लगभग 12.5 प्रतिशत मत इधर से उधर हुए हैं. भाजपा का मत प्रतिशत 6.6 प्रतिशत घटा है तो हमारा छह प्रतिशत बढ़ा है. यह बड़ी बात है. पायलट कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है. 2019 के लोकसभा चुनाव की रणनीति पर काम पहले ही शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा, 'हमने सरकार बना ली है और अपने चुनावी वादों को पूरा कर रहे हैं. इसके साथ ही हम आगामी चुनाव पर भी ध्यान दे रहे हैं. बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. पार्टी लोकसभा चुनावों में भी जोरदार जीत दर्ज करेगी और कांग्रेस की अगुवाई वाला संप्रग केंद्र में सरकार बनाएगा.

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बता दें कि राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से इस वक्त 22 भाजपा के पास है, एक कांग्रेस के पास जबकि दो खाली है. 2014 में सभी 25 सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं, जबकि इसी साल हुए उपचुनाव में दो सीटें कांग्रेस ने जीत लीं. 

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(इनपुट: भाषा)