मोदी लहर में आसानी से संसद पहुंचने वाले चिराग को इस बार मिलेगी कड़ी टक्कर! जानिये क्या कहते हैं आंकड़े...

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) पांच साल पहले मोदी लहर में जमुई (Jamui Seat) सुरक्षित सीट से आसानी से संसद पहुंच गए थे, लेकिन इस बार जातीय समीकरण में हुए बदलाव के कारण उनकी राह वैसी आसान नहीं दिख रही.

मोदी लहर में आसानी से संसद पहुंचने वाले चिराग को इस बार मिलेगी कड़ी टक्कर! जानिये क्या कहते हैं आंकड़े...

चिराग पासवान 2014 में जमुई सीट से पहली बार संसद पहुंचे थे.

जमुई (बिहार):

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) पांच साल पहले मोदी लहर में जमुई (Jamui Seat) सुरक्षित सीट से आसानी से संसद पहुंच गए थे, लेकिन इस बार जातीय समीकरण में हुए बदलाव के कारण उनकी राह वैसी आसान नहीं दिख रही. 36 वर्षीय चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म में अभिनय से की थी. उन्हें समीक्षकों की वाहवाही तो मिली, लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही. इसके बाद वह राजनीति में आए और 2014 में करीब 80 हजार मतों से विजयी हुए थे.

जमुई से प्रत्याशी चिराग पासवान की पूरी कहानी, बॉलीवुड में फ्लॉप लेकिन राजनीति में अब तक हिट

यह लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों मुंगेर, जमुई और शेखपुरा में फैला हुआ है और इसमें विधानसभा के छह क्षेत्र आते हैं.
जेडीयू प्रमुख और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के NDA में शामिल होने से चिराग को महादलितों का समर्थन भी हासिल हो सकता है. नीतीश कुमार सरकार ने 2007 में दलित समूहों में सबसे ज्यादा निर्धन लोगों को महादलित नाम दिया था और उनके कल्याण के लिए विशेष योजनाओं की शुरुआत की थी.

लोकसभा चुनाव 2019 : गिरिराज सिंह की नाराजगी दूर करने की कोशिश करेंगे चिराग पासवान

चिराग को कड़ी टक्कर का आभास है और शायद यही वजह है कि वह पिछले कई दिनों से अपने क्षेत्र में ही प्रचार कर रहे हैं. नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह जैसे स्टार प्रचारक उनके पक्ष में प्रचार कर चुके हैं. 2008 में हुए परिसीमन के बाद यह क्षेत्र अस्तित्व में आया और उसके बाद हुए पहले आम चुनाव में भूदेव चौधरी विजयी रहे. इस बार वह चिराग के सामने मैदान में हैं. इस क्षेत्र में पहले चरण के तहत 11 अप्रैल को मतदान होना है.

लोकसभा चुनाव: हाजीपुर से रामविलास पासवान की जगह इनको मिला टिकट- सूत्र

2009 में NDA उम्मीदवार रहे भूदेव चौधरी ने जेडीयू से चुनाव लड़ा और उनके प्रतिद्वंद्वी राजद उम्मीदवार श्याम रजक थे. चौधरी इस चुनाव में महागठबंधन के तहत रालोसपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. पासवान अपनी पार्टी के नेता के रूप में उभरे हैं. उनके पिता रामविलास पासवान ने लगभग दो दशक पहले इस पार्टी का गठन किया था. उनके क्षेत्र के मतदाता केंद्रीय विद्यालय, एक मेडिकल कॉलेज, गोद लिए गए गांव तक सड़क संपर्क, एक नयी रेलवे लाइन आदि को चिराग की उपलब्धियों के रूप में स्वीकार करते हैं.

चिराग पासवान बोले: सपा-बसपा एक मजबूत गठबंधन, मुंहतोड़ जवाब देने के लिए NDA को बनना होगा सुदृढ़

चिराग अपनी विनम्रता के कारण आसानी से लोगों के साथ घुल-मिल जाते हैं. उनके क्षेत्र में लगभग 15.5 लाख मतदाता हैं, जिनमें 46.58 प्रतिशत महिलाएं हैं. बिहार की राजनीति में अक्सर जातीय समीकरण अन्य चीजों पर हावी रहता है और कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने लोजपा सांसद की राह को कुछ हद तक कठिन बना दिया है. पडोसी क्षेत्र बांका से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने पर पुतुल कुमारी को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है. इससे यहां राजपूत मतदाताओं में नाराजगी है. उनके दिवंगत पति दिग्विजय सिंह बांका से कई बार सांसद रहे. सिंह चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी सरकारों में मंत्री भी थे. पूरे क्षेत्र में उनका नाम काफी सम्मान से लिया जाता है.

VIDEO: चिराग पासवान ने जानिए क्यों छोड़ी बॉलीवुड की दुनिया?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

(इनपुट: भाषा)