गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने अली-बजरंगबली को लेकर कोई बयान दिया है. इससे पहले पिछले साल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी योगी आदित्यनाथ ने ऐसा ही बयान दिया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि कमलनाथ जी आपके लिए भले अली महत्वपूर्ण होंगे लेकिन हमारे लिए तो बजरंगबील ही सबकुछ हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कमलनाथ (Kamal Nath) के उस वीडियो पर भी टिप्पणी की थी जिसमें वह मुस्लिम नेताओं से पार्टी के लिए 90 फीसदी से ज्यादा मतदान कराने की बात कर रहे थे. योगी (Yodi Adityanath) ने कमलनाथ पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप भी लगाया था. सीएम योगी के इन आरोपों पर कांग्रेस ने जवाब देते हुए कहा था कि मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने में कुछ भी गलत नहीं है.
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भोपाल में एक रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैनें यह पढ़ा कि कांग्रेस के नेता कमलनाथ कह रहे हैं कि उन्हें एससी व एसटी के वोट नहीं चाहिए. उन्हें सिर्फ मुस्लिमों का वोट चाहिए. योगी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान की भी निंदा की थी जिसमें उन्होंने सत्ता में आने के बाद दस दिन के अंदर ही किसानों का लोन माफ करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी बार-बार यह कह रहे हैं कि वह एमपी और छत्तीसगढ़ में अगर सत्ता में आए तो वह किसानों का लोन माफ करेंगे लेकिन उनकी सरकार पंजाब में है वहां तो अभी तक किसानों का लोन माफ नहीं कि जा सका है.
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वहीं, एक अन्य मामले में राजस्थान विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने बजरंगबली की जाति को लेकर भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने अलवर में एक रैली के दौरान हनुमान जी को दलित बताया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान जी दलित और वंचित हैं.
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राजस्थान के अलवर में रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 'बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वंय वनवासी हैं, निर्वासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं. भारतीय समुदाय को उत्तर से लेकर दक्षिण तक पुरब से पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं.'
सीएम योगी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना हुई थी. ट्विटर, फेसबुक पर कई तरह के मेम्स बनाए गए थे. बता दें कि इससे पहले शहरों के नामों को लेकर भी योगी आदित्यनाथ विवादों में रहे थे.
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राजस्थान के मकराना में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि 'कांग्रेस बांटने की राजनीति करती रही है, इसलिए उनके शासन में आंतकवाद चरम पर था. कभी कांग्रेस जिन आतंकियों को बिरयानी खिलाती थी, अब उन्हें हम लोग गोलियां खिला रहे हैं.' फेक न्यूज का खुलासा करने वाली ALT न्यूज वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में इस दावे का फर्जी करार दिया है.