राहुल गांधी की 5 साल में कितनी बढ़ी संपत्ति? दर्ज हैं 5 केस, कर्जदार हैं, नहीं है अपनी कार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति पांच साल में 9.4 करोड़ से 15.88 करोड़ हो गई. इसका खुलासा उनके हलफनामे से हुआ है, जिसे उन्होंने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन करते हुए जमा किया.

राहुल गांधी की 5 साल में कितनी बढ़ी संपत्ति? दर्ज हैं 5 केस, कर्जदार हैं, नहीं है अपनी कार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट के लिए नामांकन भरते हुए.

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की संपत्ति पांच साल में 9.4 करोड़ से 15.88 करोड़ हो गई. इसका खुलासा उनके हलफनामे से हुआ है, जिसे उन्होंने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन करते हुए जमा किया.  2019 के लोकसभा चुनाव में दाखिल इस हलफनामे के पूर्व उनके पास कुल 9.4 करोड़ संपत्ति की थी. हलफनामे से पता चलता है कि कांग्रेस मुखिया के पास अपनी कार नहीं है और उन पर करीब 72 लाख रुपये का बकाया भी है. उनके पास मात्र 40 हजार रुपये कैश है. राहुल गांधी ने बहन प्रियंका गांधी के साथ गुरुवार को वायनाड सीट से नामांकन किए थे. उन्होंने 2017-18 में अपनी आय 1.11 करोड़ रुपये दिखाई. इसके स्त्रोत के रूप में बतौर सांसद अपनी सेलरी के साथ रॉयल्टी और निवेश की जानकारी दी है.

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दिल्ली के सुल्तानपुर में 1.32 करोड़ के फॉर्म हाउस में हिस्सेदारी रखते हैं. गुरुग्राम के सिग्नेचर टॉवर में दिसंबर 2014 में उन्होंने ऑफिस के लिए दो स्पेस खरीदी. जिसकी कीमत है 8.75 करोड़. उनके पास 2.91 लाख रुपये का सोना है. राहुल गांधी ने अपने ऊपर पांच मुकदमे चलने की बात कही है, जिसमें चार केस मानहानि के हैं. शिक्षा की बात करें तो राहुल गांधी ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज से डिवेलपमेंट स्टडीज में एमफिल की डिग्री लिए हैं.

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बता दें कि राहुल गांधी इस बार गांधी परिवार की गढ़ अमेठी सीट के अलावा केरल की वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं. वह अमेठी से 2004 से लगातार सांसद हैं. जब से पार्टी ने राहुल गांधी के वायनाड से भी चुनाव लड़ने की घोषणा की, तब से उन्हें बीजेपी के ताने सुनने पड़ रहे. अमेठी से उन्हें चुनौती देने वालीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हमला बोलते हुए कहा कि राहुल दूसरी सीट के लिए भाग रहे हैं क्योंकि वह यहां पर जीत को लेकर आश्वस्त नहीं हैं. हालांकि, राहुल गांधी का कहना है कि उनसे दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने की अपील की गई थी, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. राहुल गांधी ने कहा कि दक्षिण में लोग भाजपा की अगुवाई वाली सरकार की नीतियों के कारण खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे.

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