'चुनाव के बाद नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार देने की होगी' 

पारेख ने माना कि  मौजूदा समय मे जो रोजगार पैदा हो रहा है, वो ज़्यादातर कम पैसों वाला है और सेवा क्षेत्र में है. उद्योग जगत को एहसास है कि मैन्युफैक्चरिग सेक्टर को सुधारने की चुनौती नई सरकार के सामने होगी.  

'चुनाव के बाद नई सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को रोजगार देने की होगी' 

एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने रोजगार को लेकर जताई चिंता

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार के सबसे बड़ी चुनौती युवाओं रोजगार देने की होगी, ऐसा कहना है एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारीख का. मुंबई में मतदान करने के बाद दीपक पारेख ने एनडीटीवी से बातचीत में यह बात कही. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में नए रोज़गार के घटते अवसर और बेरोज़गारी अहम चुनावी मुद्दे रहे हैं. नई सरकार के लिए भी ये मसला चुनौती भरा रहेगा. उद्योग और बैंकिंग सेक्टर से ये बात सामने आ रही है. पारेख ने माना कि  मौजूदा समय मे जो रोजगार पैदा हो रहा है, वो ज़्यादातर कम पैसों वाला है और सेवा क्षेत्र में है. उद्योग जगत को एहसास है कि मैन्युफैक्चरिग सेक्टर को सुधारने की चुनौती नई सरकार के सामने होगी.  

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दीपक पारेख ने एनडीटीवी से कहा कि जो भी सत्ता में आए उसे इन्फ्रास्टकचर में सुधार पर विशेष ध्यान देना होगा.मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोज़गार के अवसर पैदा करना बेहद ज़रूरी है. वहीं, उद्योगपति आनंद महेन्दा ने कहा कि नई सरकार को प्राथमिकता के तौर पर अर्थव्यवस्था में विकास और सबके लिए रोज़गार की सुविधा मुहैया कराने पर ध्यान देना होगा. गौरतलब है कि रोजगार को लेकर लोजपा के नेता चिराग पासवान ने भी एक बड़ा बयान दिया है.

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उन्होंने कहा कि युवाओं में इस बात को लेकर चिंता है कि जितने रोजगार उनको चाहिए थे उतने उपलब्ध नहीं कराए जा सके. यही वजह है कि हमारे कई ऐसे युवा हैं जो रोजगार को लेकर चिंतित हैं. चिराग पासवान ने कहा कि मैंने अपने क्षेत्र में जितने भी काम किए हैं उसके हिसाब में मुझे लगता है कि मुझे 2014 की तुलना में ज्यादा वोट मिलेंगे और रिकॉर्ड वोट से जीतूंगा. मैंने 2014 में जितने भी वादे किए थे उनमें से काफी हद तक पूरा कर दिया है. 



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)