Election 2019: नतीजों से ठीक पहले यूपी-बिहार में EVM से लदी मिली गाड़ियां, तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल

Election 2019: यूपी के चंदौली से सोमवार को एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग ईवीएम को गाड़ी से उतार कर एक कमरे में रख रहे हैं.

Election 2019: नतीजों से ठीक पहले यूपी-बिहार में EVM से लदी मिली गाड़ियां, तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल

Election 2019: ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर उठे सवाल

खास बातें

  • यूपी-बिहार में गाड़ियों से उतारी जा रही थी ईवीएम
  • तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल
  • चुनाव नतीजों से पहले ईवीएम को लेकर उठने लगे सवाल
नई दिल्ली:

Election 2019: लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election 2019) नतीजों से ठीक पहले उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा में EVM मशीन को एक  जगह से दूसरी जगह ले जाने का वीडियो सामने आया है. विभिन्न दलों का आरोप है कि इन EVM की मदद से सत्ताधारी दल चुनाव परिणाम को प्रभावित करना चाहता है. यूपी के चंदौली से सोमवार को एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है जिसमें दिख रहा है कि कुछ लोग ईवीएम को गाड़ी से उतार कर एक कमरे में रख रहे हैं. यह कमरा देखने से मतगणना केंद्र की तरह दिख रहा है. इस वीडियो में समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार ईवीएम को नतीजों से एक दिन लाए जाने को लेकर सवाल उठा रहा है. वह अधिकारियों से पूछ रहा है कि आखिर इन ईवीएम को पहले क्यों नहीं लाया गया. 

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इन वीडियो के वायरल होने के बाद प्रशासन ने अपनी सफाई दी है. प्रशासन की तरह से कहा गया है कि जिन ईवीएम मशीनों को गाड़ी से उतारते हुए वीडियो में दिखाया जा रहा है वह चंदौली जिले के वो 35 मशीनें हैं जिन्हें रिजर्व में रखा गया था.  इन मशीनों को लाने-ले जाने की दिक्कत की वजह से एक साथ नहीं लाया गया था. हालांकि नियमों के अनुसार रिजर्व मशीन और जिन ईवीएम मशीन से मतदान हुआ है उन्हें एक साथ ही लाना या ले जाया जाना चाहिए. इन वीडियो के वायरल होने के बाद बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और राजद के नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से सवाल पूछा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि उत्तर भारत के कई इलाकों से ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें ईवीएम को नतीजे से ठीक पहले उतारते देखा जा रहा है. यह क्यों हो रहा है? इन ईवीएम को कौन और क्यों ले जा रहा है? ऐसा करने के पीछे की वजह क्या है? किसी तरह की दुविधा न हो इसलिए चुनाव आयोग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द अपना पक्ष रखे. 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में प्रशासन ने EVM स्ट्रांग रूम की निगरानी में 5 लोगों को रहने की इजाज़त दे दी है. सोमवार को यहां से गठबंधन (SP-BSP Alliance) के उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे. उनका आरोप था कि गाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा आती हैं और हर विधानसभा की ईवीएम 5 अलग-अलग जगहों पर है.  बता दें, बिहार में भी कुछ जगहों पर ईवीएम की 'संदिग्ध आवाजाही' का आरोप लगाया गया है. लेकिन चुनाव आयोग (Election Commission) का कहना है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं.

वहीं उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज में सपा-बसपा कार्यकर्ताओं ने पिछले मंगलवार को ईवीएम से भरा एक मिनी ट्रक पकड़ा. इनका आरोप है कि इस ट्रक को ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाया जा रहा था. साथ ही इनका आरोप है कि बीजेपी के लोगों ने इन ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की है. यहां 12 मई वोटिंग डाले गए थे. उत्तर प्रदेश के मऊ में सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार अतुल राय अपने समर्थकों के साथ ईवीएम में गड़बड़ी होने की आशंका को लेकर स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर बैठ गए. ईवीएम की सुरक्षा करने पहुंच कर वहां स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कुर्सी लगाकर बैठ गए.

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इन सभी आरोपों पर चुनाव आयोग ने मंगलवार को बयान जारी किया है. चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि जहां भी समस्या थी, वहीं सभी मामलों को सुलझा लिया गया है. चुनाव आयोग ने गाजीपुर में लगे आरोपों पर कहा कि यहां ईवीएम स्ट्रॉंग रूप पर उम्मीदवारों द्वारा निगरानी रखने से संबंधित मुद्दा था, जिसे चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक सुलझा लिया गया है. वहीं चंदौली पर कहा है कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया था. ईवीएम उचित सुरक्षा में हैं और प्रोटोकॉल के तहत रखा हुआ है.

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आयोग ने डुमरियागंज के मामले पर कहा है कि ईवीएम सुरक्षित हैं. आरोप बेबुनियाद हैं. उन्हें डीएम और एसपी ने समझा दिया. मामला सुलझ गया है. वहीं झांसी के बारे में कहा कि ईवीएम राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की उपस्थिति में उचित सुरक्षा और प्रोटोकॉल के तहत हैं. कोई समस्या नहीं.

इसके साथ ही साथ ही चुनाव आयोग ने कहा, 'ईवीएम और वीवीपैट को उम्मीदवारों के सामने ठीक से सील किया गया और उनकी वीडियोग्राफी भी हुई. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वहां पर केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं. उम्मीदवारों को स्ट्रॉंगरूम की एक बार निगरानी रखने की अनुमति दी गई है और उनके एक प्रतिनिधि को हर वक्त वहां रहने की मंजूरी है. आरोप बेबुनियाद हैं.

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दूसरी ओर एग्जिट पोल के बाद से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में निराशा है. जिसको देखते हुए पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने ऑडियो जारी किया है. प्रियंका गांधी ने कहा, 'प्यारे कार्यकर्ता, बहनों और भाइयों, अफ़वाहों और एग्ज़िट पोल से हिम्मत मत हारिए. ये आपका हौसला तोड़ने के लिए फैलाया जा रहा है. इस बीच आपकी सावधानी और भी महत्वपूर्ण बनती है. स्ट्रॉंग रूम और काउंटिंग सेंटर में डटे रहिए और चौकन्ने रहिए. हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी मेहनत और आपकी मेहनत फल लाएगी. 

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