हार्दिक पटेल पहुंचे SC, गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता हो गया है बंद

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) गुजरात हाई कोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने अपनी याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर रोक और सज़ा को निलंबित करने की मांग की है.

हार्दिक पटेल पहुंचे SC, गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने का रास्ता हो गया है बंद

हार्दिक पटेल (Hardik Patel) गुजरात हाई कोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट.

खास बातें

  • हार्दिक पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका
  • गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पहुंचे कोर्ट
  • फिलहाल वे अभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते हैं
नई दिल्ली :

कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) गुजरात हाई कोर्ट के फ़ैसले के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने अपनी याचिका में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर रोक और सज़ा को निलंबित करने की मांग की है. हालांकि याचिका अभी सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में लंबित हैं, सूचीबद्ध नहीं हुई है. सूचीबद्ध होने के बाद हार्दिक (Hardik Patel) अपनी याचिका पर सुनवाई की मांग करेंगे. हार्दिक ने अपनी याचिका में कहा है कि नामांकन का आखिरी दिन गुरुवार है, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट की याचिका पर रोक लगाए. आपको बता दें कि हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को फिलहाल लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया है.  

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दरअसल 2015 में गुजरात में हुए उपद्रव के मामले में शुक्रवार को गुजरात हाईकोर्ट से हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को बड़ा झटका लगा था. हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की याचिका को ख़ारिज कर दिया था जिसमें मेहसाणा में 2015 के दंगा उपद्रव मामले में उनकी सजा निलंबित करने की अपील की गई थी. दंगा भड़काने के आरोप में साल 2018 में निचली कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. दंगा 23 जुलाई, 2015 को हुए थे और उनके नेतृत्व में पाटीदारों ने पहली बार रैली की थी.  

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हार्दिक ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 2007 के नवजोत सिंह सिद्धू फैसले का हवाला दिया है. याचिका में कहा गया है कि नवजोत सिद्धू केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दोषसिद्धि याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये भी देखना चाहिए कि इसका व्यक्ति पर क्या प्रभाव होगा और उसे बरकरार रखा गया तो उसे कभी न पूरा होने वाला नुकसान तो नहीं होगा. अगर अब दोषसिद्धि को निलंबित नहीं किया गया तो वे 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने का अधिकार खो देंगे.

इसी फैसले में कहा गया था कि ऐसे मामलों में मौजूद सबूतों पर भी गौर किया जाना चाहिए. उनके केस में कोई सीधा सबूत नहीं है और पूरा केस कही-सुनी पर आधारित है. याचिका में दोषसिद्धि को निलंबित कर हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

आपको बता दें कि बीते बुधवार को ही गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल (Hardik Patel) की दोषसिद्धि पर स्थगन आदेश देने की मांग करने वाली याचिका का विरोध किया था. सरकारी वकील मितेश अमीन ने अदालत से कहा था कि पटेल करीब 17 मुकदमों का सामना कर रहे हैं, जिससे पता चलता है कि उनका चरित्र ठीक नहीं है. पटेल के वकील ने कहा था कि अगर स्थगन आदेश नहीं दिया गया तो उससे उनके मुवक्किल को ‘अपूरणीय क्षति' होगी क्योंकि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं. जुलाई 2018 में सत्र अदालत ने उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी. वे फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं. 

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गौरतलब है कि राहुल गांधी की मौजूदगी में 12 मार्च को हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. कांग्रेस में शामिल होने के बाद हार्दिक पटेल के जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं. हालांकि कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक रूप से कुछ भी साफ नहीं किया गया था कि वह किस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. 

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