General Election: IAF की एयर स्ट्राइक के बाद कांग्रेस अपनी रणनीति बदलने को मजबूर हो गई है.
खास बातें
- एयर स्ट्राइक के बाद बदले राजनीतिक समीकरण
- 'एकला चलो' की रणनीति पर काम कर रही थी कांग्रेस
- अब चुनावी रणनीति बदलने के लिए हुई मजबूर
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में ढाई दशक बाद जब सपा-बसपा ने गठबंधन का ऐलान किया तो अचानक कांग्रेस की संभावनाएं खत्म हो गईं. लंबे वक्त से सपा-बसपा के साथ चुनावी समर में उतरने की तैयारी में जुटी कांग्रेस अकेली पड़ गई. इसके बाद पार्टी ने रणनीति बदली और लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में यूपी की सभी सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान किया. कांग्रेस का मानना था कि प्रियंका गांधी के आने से सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद पार्टी को कोई खास नुकसान नहीं होगा, लेकिन 26 फरवरी के बाद तस्वीर अचानक बदल गई है. जो कांग्रेस राफेल, कर्जमाफी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सत्तारूढ़ बीजेपी को घेर रही थी और फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रही थी, वो अचानक बैकफुट पर नजर आने लगी है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर एयरफोर्स की कार्रवाई (IAF Air Strike) के बाद बीजेपी के पक्ष में जो माहौल बनता दिख रहा है, उस स्थिति में कांग्रेस अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर हो गई है.