Lok Sabha Election 2019: भतीजे अक्षय के खिलाफ चुनाव मैदान में क्यों उतरे शिवपाल यादव?

सपा ने फिरोजाबाद (Firozabad Lok Sabha constituency) से रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) के बेटे अक्षय यादव (Akshay Yadav) को टिकट दिया है.

Lok Sabha Election 2019: भतीजे अक्षय के खिलाफ चुनाव मैदान में क्यों उतरे शिवपाल यादव?

Lok Sabha Chunav 2019: शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) फिरोजाबाद से चुनाव लड़ेंगे.

खास बातें

  • सपा ने फिरोजाबाद से अक्षय यादव को दिया है टिकट
  • रामगोपाल यादव के बेटे हैं अक्षय यादव
  • शिवपाल यादव भी इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे
नई दिल्ली :

लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस बार बसपा के साथ चुनावी अखाड़े में उतरी समाजवादी पार्टी (सपा) की राह में 'अपने' ही रोड़ा बन सकते हैं. दरअसल, सपा ने फिरोजाबाद (Firozabad Lok Sabha constituency) से रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) के बेटे अक्षय यादव (Akshay Yadav) को टिकट दिया है, लेकिन अब इस सीट से उनके चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) भी ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं. फिरोजाबाद (Firozabad Seat) सपा की पारंपरिक सीट रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि 'चाचा-भतीजे' की लड़ाई में बाजी कौन मारता है. 

सपा का पारंपरिक गढ़ रहा है फिरोजाबाद 
फिरोजाबाद समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. 1998 में जब बीजेपी के हाथ से यह सीट फिसली तो फिर वापसी का मौका नहीं मिला. साल 1999 में सपा के रामजी लाल सुमन इस सीट से चुनाव जीते. उसके बाद से सपा लगातार 2009 तक इस सीट पर जीत दर्ज करती आई. 2009 में खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) कन्नौज के साथ-साथ फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़े. हालांकि उन्होंने फिरोजाबाद सीट छोड़ दी और उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई. कांग्रेस के राज बब्बर ने उपचुनावों में बाजी मारी. 2014 में फिर सपा ने फिरोजाबाद सीट पर वापसी की और अक्षय यादव (Akshay Yadav) यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे. 

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चुनाव से ज्यादा, वर्चस्व की लड़ाई 
समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के नाम से अपना अलग राजनीतिक दल बनाने वाले शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) ने कई महीने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वे फिरोजाबाद से चुनाव लड़ेंगे. सियासत के अखाड़े में तमाम प्रतिद्वंदियों को चित करने वाले शिवपाल यादव ने ये दांव यूं ही नहीं चला था, बल्कि इसके पीछे ठोस वजहें भी थीं. जानकारों के मुताबिक शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) की सपा से विदाई में भाई रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) का बड़ा हाथ था. अब फिरोजाबाद में रामगोपाल के बेटे अक्षय (Akshay Yadav) को सीधी चुनौती देकर शिवपाल सपा से अपनी रुख़सती का बदला तो लेना ही चाहते हैं. दूसरी तरफ, फिरोजाबाद सपा का मजबूत किला माना जाता है. ऐसे में शिवपाल (Shivpal Singh Yadav)  की कोशिश इस किले पर कब्जा जमाने की होगी. 

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शिवपाल पर बीजेपी की 'बी टीम' होने का लगा आरोप 
शिवपाल यादव (Shivpal Singh Yadav) पर सपा के नेता लगातार हमलावर रहे हैं और उनपर बीजेपी की 'बी टीम' होने का आरोप भी लगाया है और कहा गया कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. हालांकि हाल ही में शिवपाल सिंह यादव ने भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं से साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा 'हम लोग ‘सेक्यूलर' (धर्म निरपेक्ष) लोग हैं और हम हमेशा से भाजपा के खिलाफ रहे हैं. हम पुराने ‘सेक्यूलर' समाजवादी हैं और भाजपा में शामिल होने का सवाल ही नहीं उठता है. 

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