Election Results के बाद बोलीं मायावती: जनता के गले नहीं उतरे रहे नतीजे, EVM से उठा भरोसा, कुछ तो गड़बड़ है, सुप्रीम कोर्ट करे विचार

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, गठबंधन ने जो सीटें यूपी में जीती हैं वहां इन लोगों ने ईवीएम (EVM) में गड़बड़ी नहीं कराई ताकि जनता को शक न हो.

Election Results के बाद बोलीं मायावती: जनता के गले नहीं उतरे रहे नतीजे, EVM से उठा भरोसा, कुछ तो गड़बड़ है, सुप्रीम कोर्ट करे विचार

बसपा प्रमुख मायावती. (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने चुनाव परिणाम आने के बाद ईवीएम को लेकर हमला बोलते हुये कहा कि जनता का विश्वास इससे हट गया है. उन्होंने कहा कि गठबंधन ने जो सीटें यूपी में जीती हैं वहां इन लोगों ने ईवीएम (EVM) में गड़बड़ी नहीं कराई ताकि जनता को शक न हो. उन्होंने कहा कि गठबंधन की पार्टियों बसपा (BSP), सपा और रालोद के सभी छोटे बड़े कार्यकर्ताओं ने पूरे तन-मन-धन से मेहनत और लगन से लगातार काम किया है. सभी का आभार प्रकट करती हूं खासकर सपा के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), रालोद के अजित सिंह ने अपनी पूरी ईमानदारी से काम किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के पक्ष में आये यह अप्रत्याशित परिणाम जनता के गले नहीं उतर पा रहे हैं. अब गठबंधन सपा, बसपा और रालोद के नेता तथा अन्य नेता आगे के बारे में सोचेंगे.

मायावती ने चुनाव के परिणाम (Election Results) आने के बाद शाम को मीडिया से कहा, 'देश के राजनीतिक इतिहास में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे हैं समाज के दलित उपेक्षित वर्गों की सत्ता में भागीदारी भी बढ़ी है लेकिन इसे भी अब ईवीएम के माध्यम से सत्ताधारी पार्टी (भाजपा एंड कंपनी) ने पूरे तौर से हाईजैक कर लिया है. ईवीएम से चुनाव कराने की यह कैसी व्यवस्था है जिसमें अनेकों प्रमाण हमारे सामने आये हैं इसलिये पूरे देश में ईवीएम का लगातार विरोध हो रहा है, और आज आये नतीजों के बाद से तो जनता का इस पर से काफी कुछ विश्वास ही खत्म हो जायेगा. जबकि इस मामले में देश की अधिकतर पार्टियों का चुनाव आयोग में यह कहना रहा है कि ईवीएम के बजाये बैलट पेपर से चुनाव करायें. चुनाव आयोग और बीजेपी को इस पर आपत्ति क्यों होती है. न तो चुनाव आयोग तैयार है और न ही भाजपा मानने को तैयार है तो इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है.'

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उन्होंने कहा, ‘जब मतपत्र की व्यवस्था नहीं है तो जनता ईवीएम में वोट डालती है लेकिन जनता इससे संतुष्ट नहीं है. आज पूरे देश में जनता यह देख रही है और मुझे नहीं लगता कि जिस तरीके के नतीजे देश में आये हैं वह लोगों के गले से नहीं उतर रहा है. अधिकतर सभी पार्टियां चुनाव आयोग से लगातार कह रही हैं कि वह ईवीएम के बजाये मतपत्र से चुनाव करायें तो फिर चुनाव आयोग और भाजपा को इस पर आपत्ति क्यों हो रही है. जब कोई गड़बड़ नहीं है, दिल में कोई काला नहीं है तो क्यों नही मतपत्र से चुनाव कराये जा रहे हैं.'

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साथ ही उन्होंने कहा, ‘चुनावों मतपत्र से कराये जाने की मांग पर माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी गंभीरता से विचार करना चाहिए, ऐसी हमारी माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी पुरजोर मांग है.' अपने गठबंधन के एक रहने का संदेश देते हुये मायावती ने कहा, 'देश में अप्रत्याशित परिणामों के बारे मे आगामी रणनीति बनाने के लिये हमारे गठबंधन बसपा-सपा और रालोद तथा हमारी तरह पीड़ित अन्य पार्टियों के साथ भी मिलकर आगे की रणनीति तय की जायेगी. ऐसा नहीं कि हम चुप बैठ जायेंगे. बीजेपी के पक्ष में आये अप्रत्याशित चुनावी परिणाम पूरी तरह से आम जनता के गले के नीचे से नही उतर पा रहे है.'

(इनपुट- भाषा)

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