PM मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे लड़ सकते हैं चुनाव, IIM ग्रेजुएट साकेत ने IPS छोड़ शुरू की थी बैंक की नौकरी

सेंट स्टीफेंस से अर्थशास्त्र में स्नातक साकेत मिश्रा ने आईआईएम कलकत्ता से एमबीए किया. फिर 1994 में IPS भी बने लेकिन फिर IPS की नौकरी छोड़कर डचे बैंक में नौकरी शुरू कर दी.

PM मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे लड़ सकते हैं चुनाव, IIM ग्रेजुएट साकेत ने IPS छोड़ शुरू की थी बैंक की नौकरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ सकते हैं. सेंट स्टीफेंस से अर्थशास्त्र में स्नातक साकेत मिश्रा ने आईआईएम कलकत्ता से एमबीए किया. फिर 1994 में IPS भी बने लेकिन फिर IPS की नौकरी छोड़कर डचे बैंक में नौकरी शुरू कर दी. बीते 16 साल तक कई अन्तर्राष्ट्रीय बैंकों में अच्छे पदों पर रहने के बाद साकेत मिश्रा अब राजनीति के जरिए समाज सेवा करना चाहते हैं. फिलहाल वे बीते दो महीनों में करीब साठ सभा करके श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. 

एनडीटीवी से बात करते हुए साकेत मिश्रा ने कहा कि श्रावस्ती बहुत पिछड़ा इलाका है. यहां कि मुख्य समस्या गरीबी और लोग तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने की है. उन्होंने कई छोटी सभाएं करके लोगों की समस्याएं जानी है. 

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श्रावस्ती से लड़ सकते हैं चुनाव

साकेत मिश्रा के श्रावस्ती से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हैं. यहां से बीजेपी के सांसद ददन मिश्रा हैं. एनडीटीवी से साकेत मिश्रा ने बताया कि उनका ननिहाल श्रावस्ती में है और बचपन में उनका काफी वक्त श्रावस्ती में बीता है. इसीलिए इस इलाके से उन्हें स्नेह है. बीजेपी से अगर निर्देश मिलेंगे तो वो इस क्षेत्र की सेवा करेंगे. कुल मिलाकर संकेत साफ है कि यूपी में बीजेपी के कई निवर्तमान सांसदों के टिकट कटने के आसार हैं. टिकट कटने के उसी आसार पर नए प्रत्याशियों की निगाहें लगी है.

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बता दें, चुनाव आयोग (Election Commision) द्वारा रविवार को बहुप्रतीक्षित 17वीं लोकसभा के चुनाव (Lok Sabha Election) कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही देश में 11 अप्रैल से शुरु होने वाला चुनावी समर एक महीने से अधिक समय तक चलेगा. जिसमें एक ओर भाजपा फिर से सत्तारूढ़ होने का हरसंभव प्रयास करेगी, वहीं विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की भरसक कोशिश करेंगे. आयोग ने लोकसभा और चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा के चुनाव का कार्यक्रम घोषित दिया है. इसके तहत सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक होने वाले मतदान के बाद 23 मई को मतगणना होगी. बता दें, साल 2014 में 16वीं लोकसभा का चुनाव नौ चरण में कराया गया था. 

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