लोहिया पर ब्लॉग लिखकर पीएम मोदी ने विपक्ष पर किया वार, अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन

पीएम मोदी ने राम मनोहर लोहिया की जयंती पर कांग्रेस समेत क्षेत्रिय दलों पर निशाना साधते हुए एक ब्लॉग लिखा, उन्होंने लिखा कि जो लोग आज डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल कर रहे हैं, वही कल देशवासियों के साथ भी छल करेंगे.

लोहिया पर ब्लॉग लिखकर पीएम मोदी ने विपक्ष पर किया वार, अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन

पीएम मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

पीएम मोदी ने राम मनोहर लोहिया की जयंती पर कांग्रेस समेत क्षेत्रिय दलों पर निशाना साधते हुए एक ब्लॉग लिखा, उन्होंने लिखा कि जो लोग आज डॉ. लोहिया के सिद्धांतों से छल कर रहे हैं, वही कल देशवासियों के साथ भी छल करेंगे. जो लोग डॉ. लोहिया के दिखाए रास्ते पर चलने का दावा करते हैं, वही क्यों उन्हें अपमानित करने में लगे हैं.पीएम मोदी ने लिखा कि डॉ. लोहिया के विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं. उन्होंने कृषि को आधुनिक बनाने और अन्नदाताओं के सशक्तीकरण को लेकर काफी कुछ लिखा, उनके इन्हीं विचारों के अनुरूप एनडीए सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि सिंचाई योजना, सॉयल हेल्थ कार्ड और अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों के हित में काम कर रही है. 

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लोहिया पर लिखे ब्लॉग के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि डॉ. लोहिया समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था और महिलाओं एवं पुरुषों के बीच की असमानता को देखकर बेहद दुखी होते थे. ‘सबका साथ, सबका विकास' का हमारा मंत्र तथा पिछले पांच सालों का हमारा ट्रैक रिकॉर्ड यह दिखाता है कि हमने डॉ. लोहिया के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है. अगर आज वे होते तो एनडीए सरकार के कार्यों को देखकर निश्चित रूप से उन्हें गर्व की अनुभूति होती. जब कभी भी डॉ. लोहिया संसद के भीतर या बाहर बोलते थे, तो कांग्रेस में इसका भय साफ नजर आता था. 

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वहीं, विपक्ष की अन्य पार्टियों को लेकर पीएम मोदी ने लिखा है कि आज कांग्रेस के साथ तथाकथित लोहियावादी पार्टियां अवसरवादी महामिलावटी गठबंधन बनाने को बेचैन हैं. यह विडंबना हास्यास्पद भी है और निंदनीय भी है. प्रधानमंत्री ने लिखा कि डॉ. लोहिया वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे. आज वे यह देखकर जरूर हैरान-परेशान होते कि उनके 'अनुयायी' के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं. 

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उन्होंने लिखा कि डॉ. लोहिया जीवन के हर क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के बीच बराबरी के पक्षधर रहे. लेकिन, वोट बैंक की पॉलिटिक्स में आकंठ डूबी पार्टियों का आचरण इससे अलग रहा। यही वजह है कि तथाकथित लोहियावादी पार्टियों ने तीन तलाक की अमानवीय प्रथा को खत्म करने के एनडीए सरकार के प्रयास का विरोध किया. इन पार्टियों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इनके लिए डॉ. लोहिया के विचार और आदर्श बडे़ हैं या फिर वोट बैंक की राजनीति? 

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