आखिर क्यों प्रियंका गांधी ने प्रतिष्ठित 'दून स्कूल' में नहीं लिया था दाखिला?

Priyanka Gandhi Profile: लोगों के जेहन में जो एक तस्वीर बस गई, वह 27 साल की एक लड़की थी. और वह लड़की प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) थीं.

आखिर क्यों प्रियंका गांधी ने प्रतिष्ठित 'दून स्कूल' में नहीं लिया था दाखिला?

Priyanka Gandhi Profile: प्रियंका गांधी ने 1999 के चुनाव में रायबरेली में भाषण दिया था.

खास बातें

  • प्रियंका गांधी की स्कूलिंग दिल्ली से हुई है
  • उन्होंने जीसस एंड मेरी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है
  • 1999 के लोकसभा चुनाव में दिया था पहला भाषण
नई दिल्ली :

एक जमाने में दून स्कूल का अलग रौब हुआ करता था. तमाम दिग्गज नेताओं से लेकर ब्यूरोक्रेट्स और बिजनेसमैन के बच्चे यहां पढ़े. दून स्कूल में दाखिला यानी 'स्टेटस सिंबल'. पिता की राजनीतिक व्यस्तताओं और मां की खराब सेहत के बीच इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की शुरुआत पढ़ाई गड्ड-मड्ड हो गई थी और वह इस चीज को बख़ूबी समझती थीं. वह नहीं चाहती थीं कि उनके बच्चों के साथ भी ये सब हो. इंदिरा ने अपने बच्चों की परवरिश में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. दोनों बेटों राजीव और संजय गांधी का दाखिला प्रतिष्ठित दून स्कूल में कराया, लेकिन जब उसी दून स्कूल में पढ़ने की बारी इंदिरा गांधी की पोती प्रियंका (Priyanka Gandhi) की आई तो कहानी बदल गई. राजीव गांधी चाहते थे कि प्रियंका भी दून स्कूल में पढ़ें, लेकिन शरारती और चुलबुली प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) घर से दूर जाने को तैयार नहीं थीं. और बोर्डिंग स्कूल का नाम सुनकर तो एकदम से उखड़ जातीं. राजीव गांधी को झुकना पड़ा और थक-हारकर प्रियंका का दाखिला दिल्ली में ही करा दिया गया.  

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पार्टी का महासचिव बनाये जाने के बाद प्रियंका गांधी आज पहली बार लखनऊ जा रही हैं. उनको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है. कार्यकर्ता 'प्रियंका नहीं ये आंधी है, दूसरी इंदिरा गांधी है' और 'प्रियंका गांधी आई है, नयी रोशनी लाई है' जैसे नारे दे रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि दिल्ली के जीसस मैरी कॉलेज से साइकोलॉजी में ग्रेजुशन की डिग्री हासिल करने वाली प्रियंका (Priyanka Gandhi) ने सियासत में दो दशक पहले ही कदम रख दिया. साल 1999 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था. इसकी वजह गांधी-नेहरू परिवार के ही एक शख़्स अरुण नेहरू थे. कांग्रेस ने इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन लोगों के जेहन में जो एक तस्वीर बस गई, वह 27 साल की एक लड़की थी. और वह लड़की प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) थीं. रायबरेली में अपने भाषण से प्रियंका लोगों के दिलों में उतर गईं. 

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प्रियंका गांधी को उनकी दादी इंदिरा (Indira Gandhi) का अक्श कहा जाता है. सूती साड़ी, बॉब कट हेयर, चेहरे पर हल्की मुस्कान और मीठी आवाज की वजह से लोग सहज ही उन्हें इंदिरा से जोड़ लेते हैं. 47 वर्षीय प्रियंका (Priyanka Gandhi) को कमोबेश उन्हीं परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जैसा उनकी दादी को करना पड़ा था. खासकर शादी के मामले में. नेहरू-गांधी परिवार के जानकारों के मुताबिक जब बचपन के दोस्त रॉबर्ट वाड्रा से शादी की बात आई तो ठीक उसी तरह प्रियंका (Priyanka Gandhi) को परिवार विरोध झेलना पड़ा, जैसा उनकी दादी को झेलना पड़ा था. हालांकि यहां भी परिवार को झुकना पड़ा. फोटोग्राफी और कुकिंग की शौकीन प्रियंका के दो बच्चे, रेहान और मिराया हैं. बकौल प्रियंका, पहले उन्हें बहुत जल्दी गुस्सा लग जाता था, लेकिन योग की बदौलत इस पर काबू करने में मदद मिली. प्रियंका नियमित 1 घंटे योग करती हैं.  
 

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