दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (फाइल फोटो)
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए आतुर दिख रही आम आदमी पार्टी की बात बनते नहीं दिख रही है. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने आज पार्टी नेताओं के साथ बैठक की और बाद में कहा कि कोई भी नेता आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं है. शीला दीक्षित ने कहा, 'हमने अपने लोगों से संगठन को मजबूत करने के लिए मीटिंग की है. मीटिंग में वर्तमान स्थिति पर चर्चा की है. गठबंधन को लेकर भी चर्चा की है और सभी लोग दिल्ली में गठबंधन करने के खिलाफ है. कांग्रेस सबसे मजबूत और पुरानी पार्टी है. हम मीटिंग करते रहते हैं. दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के इस बयान से साफ है कि आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस जाने के लिए तैयार नहीं है. गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि गठबंधन के लिए हम कांग्रेस से बात कर-कर के थक गए, लेकिन कांग्रेस ने हमारे साथ गठबंधन नहीं किया. कांग्रेस दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भाजपा को जिताना चाहती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मुझे ये भरोसा हो जाए कि दिल्ली में भाजपा को कांग्रेस हरा देगी तो मैं सातों सीटें छोड़ दूंगा.
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उनके इस बयान का खंडन करते हुए शीला दीक्षित ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर आप आदमी पार्टी (आप) के नेता ने उनसे कभी संपर्क नहीं किया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आप ‘हताशा की स्थिति' में पहुंच गई है. पूर्व मुख्यमंत्री शीला ने कहा, ‘‘उन्होंने हमसे बात नहीं की. वह नहीं जानते कि वह क्या कह रहे हैं. आम आदमी पार्टी हताशा की स्थिति में पहुंच गई है.''
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वहीं जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर 1 मार्च से भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया तो भी शीला दीक्षित ने उनकी आलोचना की थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के मुद्दे पर ‘खोखली बातें' कर रहे हैं.
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