ओडिशा की केंद्रपाड़ा सीट पर इस बार है दिलचस्प मुकाबला, नेता और अभिनेता आमने-सामने

बहुत कुछ कांग्रेस वोट पर भी बहुत निर्भर करेगा अगर कांग्रेस 2014 की तरह यहां प्रदर्शन करती है तो पांडा को जीतना मुश्किल हो जाएगा.

ओडिशा की केंद्रपाड़ा सीट पर इस बार है दिलचस्प मुकाबला, नेता और अभिनेता आमने-सामने

नई दिल्ली:

ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने वाले हैं. राज्य में एक तरफ बीजू जनता दल पांचवी बार सरकार बनाने के साथ ज्यादा लोकसभा सीट जीतने में नई-नईरणनीति अपना रही है वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी भी यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार ओडिशा में कई रैलियां करेंगे. शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री ओडिशा के कालाहांडी में चुनावी कर चुके हैं. वहीं चुनाव से पहले पाला बदलने का भी खेल खूब हो रहा है.  कई बड़े नेता बीजेपी छोड़कर बीजेपी जा रहे हैं तो बीजेपी के कई नेता भी बीजेडी में आ रहे हैं. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेडी 21 में से 20 सीट जीतने में कामयाब हुई थी जबकि बीजेपी के खाते में एक सीट आई थी. वहीं इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेडी 147 में से 116 सीट में जीतने में कामयाब हुई थी. बीजेपी को 10 सीटें मिली थी और कांग्रेस 16 सीटें जीती थी. बीजेडी अभी तक लोक सभा चुनाव के लिए 18 उम्मीदवारों के नाम ऐलान कर चुकी है. बीजेडी  इस बार 33 प्रतिशत सीट पर महिलाओं को टिकट दे रही है और घोषित की गई 18 सीटों में से 6 में महिलाओं को टिकट दिया गया है. वहीं कई मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया गया है. इनमें मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर अरूप पटनायक भी शामिल हैं. अरूप पटनायक भुवनेश्वर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

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ओडिशा के केंद्रापाड़ा लोकसभा सीट के लिए बीजेडी ने ओड़िया अभिनेता अनुभव मोहंती को उतारा है. अनुभव ओडिशा के जाने माने अभिनेता और अभी राज्यसभा सांसद हैं. अनुभव का सामना कुछ दिन पहले ही बीजेडी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बैजयंत जय पांडा से होगा. जय पांडा केंद्रपाड़ा से सांसद हैं.  1952 से लेकर 2014 के बीच केंद्रापाड़ा में 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं जिस में से पांच बार बीजू जनता दल ने जीता है चार बार जनता पार्टी, तीन-तीन बार जनता पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी जीत हासिल कर चुकी है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में  केंद्रापाड़ा से बीजू जनता दल के प्रत्याशी रहे बैजयंत जय पांडा ने शानदार जीत हासिल की थी. पांडा ने कांग्रेस प्रत्याशी धरणीधर नायक को 209300 वोट से हराया था .पांडा को कुल-मिलाकर 600023 वोट मिले थे जो टोटल वोट के 38 प्रतिशत के करीब था. कांग्रेस प्रत्याशी नायक को 25 प्रतिशत करीब वोट मिला था जब की बीजेपी के विष्णु प्रसाद को सिर्फ 118390 वोट मिले. 2009  में भी केंद्रापाड़ा में बीजू जनता दल शानदार प्रदर्शन किया था . बीजू जनता दल के प्रत्याशी बैजयंत पांडा कांग्रेस प्रत्याशी रंजीब बिस्वाल को 375528 वोट से हराया था. रंजीब बिस्वाल ओडिशा के पूर्व उप-मुख्यमंत्री बसंत बिस्वाल के बेटे हैं और ओडिशा के तरफ से 41 प्रथम-श्रेणी मैच खेल चुके हैं. केंद्रापाड़ा में पांच विधानसभा सीटें हैं.  2014 में तीन सीट पर बीजू जनता दल जीत हासिल की थी जब की दो सीट कांग्रेस जीती थी. 

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लेकिन इस बार केंद्रपाड़ा में समीकरण पूरी तरसे बदल  चुके हैं. बैजयंत पांडा अब बीजेपी में हैं और वोटरों को तय करना है कि वह पांडा के साथ जाएं या फिर बीजू जनता दल के साथ. 1996 से बीजेडी लगातार यह सीट जीतकर आ रही है. खुद पांडा इस सीट पर 2009 से सांसद है. चुनाव से पहले कई नेता बीजेपी में शामिल हुए हैं जिस में विजय महापात्र जैसे नेता शामिल है. विजय महापात्रा एक समय में बीजेडी के ताक़तवर नेता माने जाते थे. नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक के कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं.

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साल 2000 वो बीजद से अलग हो गए. 1980 से 2000 विजय महापात्र विधायक रहे लेकिन 2000 में बीजू जनता दल से अलग होने बाद एक भी चुनाव  नहीं जीत पाए हैं. अब सवाल यह है की पांडा बीजेपी ज्वाइन करने बाद क्या बीजेडी के कोर वोट को अपने पक्ष में कर पाएंगे? साल 2014 के चुनाव में केंद्रापाड़ा में बीजेपी को सिर्फ 8 प्रतिशत वोट पड़े थे लेकिन पांडा के बीजेपी में जाने के बाद वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी जरूर होगी. बहुत कुछ कांग्रेस वोट पर भी बहुत निर्भर करेगा अगर कांग्रेस 2014 की तरह यहां प्रदर्शन करती है तो पांडा को जीतना मुश्किल हो जाएगा.

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