सहकर्मी से रेप मामला : पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय

बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने बलात्कार के मामले में तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किये जाने पर रोक लगाने से मना कर दिया था.

सहकर्मी से रेप मामला : पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय

तरुण तेजपाल पर सहकर्मी के साथ रेप का आरोप

खास बातें

  • तरुण तेजपाल पर सहकर्मी से रेप के मामले में आरोप तय हो गए हैं
  • 2013 में सहकर्मी पर लिफ्ट में किया था यौन हमला
  • तेजपाल का दावा - उनके खिलाफ सबूतों का अभाव
मुंबई:

तहलका पत्रिका के संस्‍थापक पत्रकार तरुण तेजपाल पर सहकर्मी से रेप के मामले में आरोप तय हो गए हैं. वारदात साल 2013 की है. आरोप है कि गोवा में थिंक फेस्ट के दौरान एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में तरुण तेजपाल ने अपनी सहकर्मी का यौन उत्पीड़न किया था. बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने बलात्कार के मामले में तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किये जाने पर रोक लगाने से मना कर दिया था और गोवा सरकार को नोटिस जारी कर वरिष्ठ पत्रकार की याचिका पर उससे जवाब मांगा था.

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मापुसा में जिला अदालत ने 7 सितंबर को तेजपाल के खिलाफ आरोपों को हटाने से मना कर दिया था. तेजपाल पर गोवा में 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी पूर्व सहयोगी पर यौन हमला करने का आरोप है.

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तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तेजपाल ने जिला अदालत के आदेश के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ का दरवाजा खटखटाया था. न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने उनकी प्रार्थना पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. तेजपाल ने उनके खिलाफ आरोप तय किये जाने पर तब तक रोक लगाने की मांग की थी जब तक कि उच्च न्यायालय आरोप हटाने की उनकी याचिका पर फैसला नहीं कर लेता.

तेजपाल ने दावा किया है कि मामले में उनके खिलाफ सबूतों का अभाव है. उच्च न्यायालय ने हालांकि कहा कि अगर अदालत तेजपाल के खिलाफ आरोप तय करती है तो साक्ष्य दर्ज किये जाने को टाला जाना चाहिए. साक्ष्य दर्ज करने से मुकदमे की शुरुआत होती है. 


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