Edited by Suryakant Pathak, किसानों की आत्महत्या पर लगातार बहस होती है. सरकारें बदल जाती हैं लेकिन किसानों की आत्महत्याओं के मामले आने खत्म नहीं होते. हर सरकार खुद को किसानों की हितैषी बताती है फिर भी किसान जान दे रहे हैं. आखिर क्यों हो रही है उनकी अनदेखी? यह बड़ा सवाल है. बड़ा सवाल यह भी है कि इस अनदेखी को कैसे खत्म किया जाए. महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पिछले सात महीनों में 73 किसानों ने आत्महत्या कर ली है. इस साल विदर्भ में 1,567 अन्नदाताओं ने जान दे दी है. यवतमाल में 83 दिन में 82 किसानों ने जान दे दी है. अभी भी किसान परेशान हैं, क्योंकि पहले बेमौसम बारिश हुई और फिर उसके बाद बारिश ही नहीं हो रही है. ज़्यादातर किसान आज भी बारिश पर ही निर्भर हैं.