VIDEO: 'साड़ी, रुपये में बिक जाओगे तो ऐसे ही रोड पाओगे', खस्‍ता सड़कों को लेकर कोरबा के युवाओं ने किया 'अनूठा' प्रदर्शन

छत्‍तीसगढ़ के कोरबा जिले के अनोखे अंदाज वाले इस प्रदर्शन ने सोशल मीडिया के जरिये बहुत तेजी से आसपास के जिलों के लोगों का आकर्षित किया है.

VIDEO: 'साड़ी, रुपये में बिक जाओगे तो ऐसे ही रोड पाओगे', खस्‍ता सड़कों को लेकर कोरबा के युवाओं ने किया 'अनूठा' प्रदर्शन

युवाओं ने खस्‍ताहाल सड़कों के प्रति शासन का ध्‍यान आकर्षित करने के लिए अनूठा तरीका अपनाया

Chhattisgarh: छत्‍तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा जिले (Korba District) के युवाओं ने खस्‍ताहाल सड़कों के प्रति शासन का ध्‍यान आकर्षित करने के लिए ऐसा तरीका अपनाया जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन रहा है. छत्‍तीसगढ़ के कोरबा जिले की सड़कों की हालत को लेकर यहां अनोखा प्रदर्शन आयोजित किया गया. युवाओं के एक संगठन ने एक ऐसे ही मार्ग पर प्रदर्शन किया, इस प्रदर्शन में युवा गाना गा रहे थे 'साड़ी, रुपये में बिक जाओगे तो ऐसे ही रोड पाओगे.' गौरतलब है कि कोरबा जिले में सड़कों की हालत  बहुत ही खराब है. शहर की ओर पहुंचने वाले तमाम रास्तो में बड़े-बड़े गढढे बन चुके है. ऐसे में यह तय करना मुश्किल होता है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों पर सड़क. प्रशासन इन गड्ढों पर कभी-कभी पैचवर्क करार मानो खानापूर्ति करता है लेकिन कुछ दिनों की बारिश के बाद सड़कों की हालत फिर पहले जैसी हो जाती है.

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सड़कों की खराब हालत की ओर ध्‍यान दिलाने के लिए युवाओं के एक संगठन ने ऐसे रास्तो में अनोखे तरीके से प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन बुधवारी बाजार से घंटाघर निहारिका जाने वाले मार्ग पर आयोजित किया गया, वहीं आने वाले हर दिन शहर में दूसरे, 'ऐसे ही' रास्‍तों पर करने का निर्णय लिया गया है. हाथों में बैनर लिए और गाना गाते हुए जन संगठन से जुड़े हुए युवा, आने-जाने लोगों से कह रहे हैं कि ऐसी सड़कों के लिए वे खुद जिम्मेदार है जो ऐसे जन प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं. 

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जन संगठन के विशाल केलकर कहते हैं, 'हम लोग कोरबा के निवासी है. पिछले पांच-छह साल से हम इस शहर के लिए जूझ रहे है. पूरा कोरबा जिला टापू बन चुका है न आप यहां से बिलासपुर जा सकते हैं न रायपुर. इलाज की सुविधा नहीं है. किसी मरीज को रायपुर ले जाना है तो कई बार नौबत यह आती है तो वह रास्‍ते में ही दम तोड़ देता है. हमने इसके लिए काफी संघर्ष किया, सड़क सुधारने की कोशिश की, चक्‍काजाम करने की कोशिश की. कोई सुनवाई नहीं हुई तो हमने यह तरीका अपनाया.अनोखे अंदाज वाले इस प्रदर्शन ने सोशल मीडिया के जरिये बहुत तेजी से आसपास के जिलों के लोगों का आकर्षित किया है.
 

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