मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी के 'कमल शक्ति' संगठन में शामिल महिलाएं.
आधी आबादी के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और सत्तारूढ़ बीजेपी चुनावों से पहले वोट के लिए पूरी गंभीर दिख रही है. पहले रक्षाबंधन के मौके पर उन्हें 5 साल में सुरक्षा देने के नाम पर खत भेजे गए अब सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का सोशल मीडिया पर प्रचार करने और कांग्रेस के आरोपों से निपटने के लिए 'कमल शक्ति' के नाम से पार्टी फौज तैयार कर रही है.
दो चरणों में तकरीबन 5000 महिलाएं मध्यप्रदेश के 51 जिलों से मुख्यमंत्री आवास आईं. मुख्यमंत्री निवास में उन्हें एक थैला मिला जिसमें चुनाव जीतने का मंत्र भरा था. इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ''आओ मेरी बहनो, आपका समय मुझे चाहिए, बीजेपी को चाहिए ... बोलिए सबका समय मिलेगा, गांव-गांव जाएंगे, द्वार द्वार खटखटाएंगे, कमल के फूल पर बटन दबाएंगे... सबको प्रेरित करेंगे ... पतिदेव से कह देना वोट कमल को ही देना है.''
कमल शक्ति पर जिम्मा होगा, बेटी बचाओ, कन्यादान, लाडली लक्ष्मी, तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं के बारे में जनता को समझाना. सोशल मीडिया में कांग्रेस के आरोपों का जवाब देना. हर विधानसभा में व्हाट्सऐप ग्रुप से कमल शक्ति दूसरी महिलाओं को जोड़ेगा. लक्ष्य चुनावों से पहले पांच लाख महिलाओं की फौज सोशल मीडिया के लिए तैयार करना है.
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बीजेपी कह रही है वह हमेशा से महिला हितों की बात करती है. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज के राज में उन्हें दूसरे नागरिक का बर्ताव मिलता है. राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा महिलाओं के सशक्तिकरण का काम जितना बीजेपी ने किया उतना आज तक नहीं हुआ. चाहे वह चुनाव में आरक्षण हो, नौकरी में हो, लगातार प्रयत्न जारी है.
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बहरहाल बातों में महिलाओं के प्रति हमदर्दी रखने वाले दल बीजेपी ने 2013 में विधानसभा की 230 सीटों में से सिर्फ 30 के लिए महिलाओं को टिकट दिया. इनमें से 24 जीतकर आईं. वहीं कांग्रेस ने 22 महिलाओं को टिकट दिया, जिसमें से 6 विधायक बनीं. यानी चुनाव में टिकटों की हिस्सेदारी देखें तो दोनों दल सिर्फ बयानवीर ही लगते हैं.
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