हिमाचल में जंगल की आग - इंसानी गलती या सोची-समझी साजिश?

हिमाचल में जंगल की आग - इंसानी गलती या सोची-समझी साजिश?

सोलन:

हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों पर जंगल की आग से चंडीगढ़-शिमला हाइवे पर वाहनों को कई जगह धुएं के गुबार का सामना करना पड़ रहा है। सोलन के कुमारहट्टी के पास लगी भयंकर आग को बड़ी मशक्कत के बाद काबू किया जा सका। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।

पिछले एक हफ्ते के दौरान आग के 93 मामले सामने आए, जिनमें 15 जगह बड़ी आग से जानमाल को खतरा पेश आया। स्थानीय लोग आग लगने के पीछे सड़क के किनारे यात्रियों द्वारा फेंके गए बीड़ी-सिगरेट को जिम्मेदार बताते हैं। हालांकि आग की बड़ी वजह कुछ और ही है।

स्थानीय कांट्रैक्टर राजेश ने एनडीटीवी को बताया कि ज्यादातर मामलों में आग गांव के लोग लगाते हैं, ताकि चीड़ के पत्तों को जलाकर बारिश में पहाड़ों पर घास उगने का रास्ता साफ हो सके, लेकिन कई बार ये आग बेकाबू हो जाती है। पिछले साल चम्बा और शिमला के नजदीक तारा देवी में पेड़ों को अवैध तरीके से काटा गया था, जिसे लेकर विपक्षी दल बीजेपी ने विधानसभा में खूब शोर मचाया था।

भाजपा के प्रवक्ता गणेश दत्त ने आरोप लगाया कि आग के पीछे लकड़ी माफ़िया का हाथ है और सरकार ने साजिश से आंखें फेर रखी हैं। उन्होंने मामले की जांच की मांग की। वन विभाग का कहना है कि अगर किसी भी मामले में आग के पीछे कोई दोषी पाया जाता है, तो आईपीसी के तहत तीन साल की सजा का प्रावधान है...हम पूरी सख्ती बरत रहे हैं।


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