लातूर महानगर पालिका चुनाव : पानी के लिए तरसते लोगों ने कांग्रेस को पिलाया 'पानी'

लातूर महानगर पालिका चुनाव : पानी के लिए तरसते लोगों ने कांग्रेस को पिलाया 'पानी'

लातूर की पानी की समस्या शहर की महानगर पालिका के चुनाव का अहम मुद्दा बनी.

खास बातें

  • सूखे में पानी सप्लाई से बीजेपी की राजनीतिक फसल लहलहाई
  • पश्चिम महाराष्ट्र से मराठवाड़ा के लातूर तक रेल वैगन से पानी पहुंचाया
  • लातूर के विलासराव देशमुख करीब साढ़े आठ साल मुख्यमंत्री रहे
मुंबई:

पिछले साल के सूखे से देशभर में सुर्खियां बटोरने वाला लातूर शहर एक बार फिर सुर्खियों में है. वजह बना है यहां की महानगर पालिका के चुनाव का नतीजा. यहां वोटरों ने बीजेपी को फर्श से उठाकर अर्श पर बिठाया है.

लातूर में पानी की किल्लत ने 2016 की गर्मियों में सबका ध्यान खींचा. क्या मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और रेलमंत्री तक इस शहर की पानी की किल्लत को लेकर चिंतित देखे गए. नतीजतन देश में सूखे से निबटने के लिए तात्कालिक विकल्प के रूप में पश्चिम महाराष्ट्र के मिरज से मराठवाड़ा के लातूर शहर को रेल वैगन से पानी सप्लाई कर लोगों की प्यास बुझाई गई. इसे लातूर वाटर एक्सप्रेस कहा गया.

इस कवायद की तब खूब चर्चा हुई थी. इसके पीछे यह भी कारण था कि इस सूखाग्रस्त इलाके से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता विलासराव देशमुख चुनकर जाते थे. विलासराव करीब साढ़े आठ साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे. लेकिन इलाके में महीने भर के अंतर से नल से पानी नसीब होता था. बीजेपी ने मौके की नजाकत को देखते हुए पानी सप्लाई की मुहिम चलाई.

सूखे में पानी सप्लाई के बदले में बीजेपी की राजनीतिक फसल इलाके में खूब लहलहाई. जहां कांग्रेस की सत्ता से सूरज कभी अस्त नहीं होता था उस लातूर में वाटर एक्सप्रेस चलने के बाद जिला पंचायत, नगर परिषद में कांग्रेस ने मुंह की खाई और शुक्रवार की मतगणना के नतीजे चौंकाने वाले रहे. बीजेपी को उस लातूर महानगर पालिका में पूर्ण बहुमत मिला जहां इससे पहले वह सिफर थी.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है. जबकि राज्य कांग्रेस से लातूर महानगर पालिका चुनाव के नतीजों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


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