अन्य राज्यों में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर चुनाव आयोग से मिलेगी दिल्ली सरकार

अन्य राज्यों में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर चुनाव आयोग से मिलेगी दिल्ली सरकार

सीएम अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)

खास बातें

  • संसदीय सचिवों की नियुक्ति का सच सामने आए
  • राष्ट्रपति से करेंगे शिकायत
  • पंजाब में 24 संसदीय सचिव
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी इस समय अपने 21 विधायकों की सदस्यता पर लटकी तलवार की चिंता करने के साथ ही अब दूसरे राज्यों में बने हुए संसदीय सचिव का मुद्दा उठाकर हमलावर मूड में आ गई है।

आम आदमी पार्टी के नेता आज चुनाव आयोग से मिलकर पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, नागालैंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड सरकार में नियुक्त संसदीय सचिवों की शिकायत करेंगे और इन विधायकों को लाभ के पद के चलते अयोग्य घोषित करने की मांग करेंगे।

पार्टी के वरिष्ट नेता संजय सिंह ने कहा कि संसदीय सचिवों को मिल रही सुविधाओं का सच सामने आना चाहिए। राज्यों में कितने संसदीय सचिव हैं और उनको उस पद पर क्या मिल रहा यह बात जनता के सामने आनी चाहिए। हम चुनाव आयोग से निवेदन करेंगे कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए, हम राष्ट्रपति को भी याचिका भेजकर यह शिकायत करेंगे।

आप की पंजाब इकाई ने मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखी चिट्ठी
आम आदमी पार्टी की पंजाब यूनिट ने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारीको चिट्ठी लिखकर कहा है कि पंजाब सरकार में 24 संसदीय सचिवों की नियुक्ति संविधान की मूल भावना और आर्टिकल 191 का उल्लंघन है, जो कहता है कि कोई भी विधायक/सांसद अयोग्य घोषित हो जाएगा अगर उसने सरकार में कोई भी लाभ का पद लिया।

पंजाब की आर्थिक हालत खराब
चिट्ठी में कहा गया है कि पंजाब की आर्थिक हालत पहले ही खराब है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे नहीं है, जेल तक गिरवी रखी हैं। ऐसे में संसदीय सचिवों को मिलने वाले वेतन भत्तों की वजह से करोड़ों रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकारी खजाने पर पड़ेगा। ऐसे में ऑफिस ऑफ प्रॉफिट लेने वाले शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के विधायकों को अयोग्य घोषित करें। पंजाब में कुल 24 संसदीय सचिवों में से
19 शिरोमणि अकाली दल के और 5 बीजेपी के हैं।

हिमाचल में भी 9 संसदीय सचिव
पार्टी ने हिमाचल प्रदेश के 9 संसदीय सचिवों की भी ऐसी ही शिकायत राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को की है।
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली में 21 विधायक लाभ के पद के आरोप में सदस्यता जाने के खतरे से जूझ रहे हैं। चुनाव आयोग ने इस मामले की सुनवाई 14 जुलाई से शुरू करने का ऐलान भी कर दिया है।


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