संसद में बीजेपी की किरकिरी के बाद दिग्विजय सिंह बोले - रद्द की जाए सदन से नदारद रहने वाले सांसदों की सदस्यता

एनडीटीवी से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमित शाह ने जो कहा वह सही कहा है. 

संसद में बीजेपी की किरकिरी के बाद दिग्विजय सिंह बोले - रद्द की जाए सदन से नदारद रहने वाले सांसदों की सदस्यता

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह.

नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला किया है. बीजेपी को निशाने पर लेते हुए दिग्वजिय सिंह ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान से ही बीजेपी नेताओं और सांसदों को नसीहत दे डाली है. एनडीटीवी से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमित शाह ने जो कहा वह सही कहा है.  बता दें कि राज्यसभा में सोमवार को सरकार की उस समय किरकिरी हो गई जब विपक्ष का एक संशोधन पास हो गया. संविधान संशोधन के बिल पर हुई वोटिंग के दौरान सरकार हार गई. पिछड़े वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के संविधान संशोधन बिल को संशोधन के साथ राज्यसभा में पारित किया गया. एनडीए के कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे.

इसका फायदा विपक्ष को मिला और उसका संशोधन पास हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों सदनों से भाजपा सदस्यों की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जाहिर की.
 


दिग्विजय सिंह ने कहा कि सारी ज़िम्मेदारी अरुण जेटली और मुख्तार अब्बास नकवी की है. उन्होंने कहा कि जो सदस्य गैरहाजिर रहे उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाए.
VIDEO : राज्यसभा में कम सांसद रहे उपस्थित

इसे लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों की क्लास लगाई है. शाह ने कहा कि सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहना चाहिए था. सभी सांसदों को तीन लाइन की व्हिप का पालन करना चाहिए. सदन शुरू होने से समाप्त होने तक सदन में रहना चाहिए. जो सांसद सोमवार को राज्यसभा से वोटिंग के दौरान नदारद थे उनको अमित शाह ने सबके सामने चेतावनी दी कि उन्हें अलग से बुलाया जाएगा. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. 

VIDEO : कैसा होगा नया पिछड़ा वर्ग आयोग

उल्लेखनीय है कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिये राज्य सभा में पेश 123 वें संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष के संशोधनों ने न सिर्फ केन्द्र सरकार बल्कि समूचे सदन को गंभीर तकनीकी पेंच में उलझा दिया तथा इसके कारण संसद में कई बार ऐसे नजारे देखने को मिले जो प्राय: देखने को नहीं मिलते. सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत द्वारा पेश संशोधन विधेयक पर लगभग चार घंटे की बहस के बाद कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह, बीके हरिप्रसाद और हुसैन दलवई ने प्रस्तावित आयोग की सदस्य संख्या तीन से बढ़ाकर पांच करने, एक महिला सदस्य और एक अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को शामिल करने का प्रावधान विधेयक में शामिल करने के संशोधन पेश किए.

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