COVID-19: तमिलनाडु में पैर पसारता कोरोना वायरस, राजधानी चेन्नई में बने 100 से ज्यादा हॉट स्पॉट

स्थानीय निकायों द्वारा कोरोना के प्रसार को रोकने और संक्रमितों का पता लगाने के लिए 16 हजार कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है. ये कार्यकर्ता आने वाले नब्बे दिनों में हर दिन दस लाखों बिल्डिंग्स में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे.

COVID-19: तमिलनाडु में पैर पसारता कोरोना वायरस, राजधानी चेन्नई में बने 100 से ज्यादा हॉट स्पॉट

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • तमिलनाडु में तेजी से पैर पसार रहा है कोरोनावायरस
  • स्थानीय प्रशासन ने कोरोना से लड़ने के लिए बनाई नई योजना
  • 16 हजार कार्यकर्ताओं को किया गया शामिल
चेन्नई:

दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार ठंड, बुखार और सांस की समस्याओं के लक्षणों वाले हर व्यक्ति का टेस्ट कर रही है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के मरीजों की टेस्ट की रफ्तार को भी बढ़ाया जा रहा है. वहीं शहर के सौ से ज्यादा इलाकों को कन्टेन्मेंट जोन घोषित किया गया है. 496 कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ चेन्नई राज्य के सबसे ज्यादा 27.2% करोना संक्रमितों के साथ टॉप पर बना हुआ है. 

वहीं स्थानीय निकायों द्वारा कोरोना के प्रसार को रोकने और संक्रमितों का पता लगाने के लिए 16 हजार कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है. ये कार्यकर्ता आने वाले नब्बे दिनों में हर दिन दस लाखों बिल्डिंग्स में जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे और कोरोना केी प्रसार क्षमता को जांचेंगे. इन कार्यकर्ताओं को 16 हजार रुपये महीने के वेतन पर भर्ती किया गया है. स्थानीय प्रशासन को लगता है कि यह योजना काफी महत्वपूर्ण और इसलिए वह काफी खुश भी हैं. 

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हालांकि प्रशासन की इस योजना के बारे में स्थानीय लोगों का कुछ ओर ही कहना है. दक्षिण चेन्नई के तिरुवनमियुर में रहने वाली शेरिना कहती है, 'दो बार एक व्यक्ति आया और उसने हमारे नाम, उम्र और खांसी और सर्दी के बारे में जानकारी ली. फिर तीसरी बार एक अलग व्यक्ति आया और उसने फिर से नाम, उम्र पूछा, मगर लक्षणों के बारे में कुछ जानकारी नहीं ली. जाने के बाद वह आदमी भी तीन दिन से अभी तक नहीं आया.' शेरिना ने कहा, 'सरकार अच्छे उपाय कर रही है लेकिन दुखद है कि इसे ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है. फिर कौन जानता है कि आने वाले लोग सच में सर्वेक्षण करने वाले लोग ही हैं?' 

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वहीं वनागरम में रहने वाले बेटमोंक्स टेक्नोलॉजी फैक्ट्री लिमिटेड के सह-संस्थापक डॉ. संथमारई गोकुलकृष्णन सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हैं. उन्होंने कहा, 'वे नियमित रूप से आएंगे, लेकिन उसके बाद कोई फॉलोअप नहीं किया जाएगा. उन्होंने हमसे बस इतना ही पूछा कि क्या हमने कोई विदेश यात्रा की है.' हालांकि गोकुलकृष्णन कहते हैं कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार को और त्वरित गति से टेस्ट करने चाहिए. 

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दूसरी ओर अपने एक बयान में निगम आयुक्त प्रकाश कहते हैं, 'शहर में बीस लाख के लगभग घर हैं. कार्यकर्ताओं ने 18.5 लाख घरों का दौरा किया. इनमें 23 अप्रैल तक 8174 लोगों की पहचान की गई है जिनमें से 463 लोगों का टेस्ट किया गया. उनमें 9 लोग पॉजिटिव पाए गए. इसके अलावा 41 सरकारी और निजी लैब ने टेस्ट की संख्या बढ़ाकर छह हजार प्रतिदिन कर दी है. वहीं न्युबर्ज एर्लिच लैबोरेट्री लिमिटेड के सीओओ ऐश्वर्या वासुदेवन ने कहा कि तमिलनाडु के पास फिलहाल 32,000 टेस्ट किट्स है, जबकि 4 लाख टेस्ट किट्स का इंतजार किया जा रहा है.