चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अंतरराष्ट्रीय वॉट्सऐप ग्रुप का खुलासा, पाकिस्तान समेत कई देशों से जुड़े हैं तार

‘किड्स ओनली सेक्स’ नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े थे. 256 सदस्यों वाले इस समूह में शामिल अधिकांश लोग पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय राज्यों के रहने वाले हैं. इसके अलावा ग्रुप से पाकिस्तान और नेपाल समेत 27 अन्य देशों के लोग भी जुड़े हैं.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अंतरराष्ट्रीय वॉट्सऐप ग्रुप का खुलासा, पाकिस्तान समेत कई देशों से जुड़े हैं तार

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश पुलिस ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अंतरराष्ट्रीय वॉट्सऐप ग्रुप का खुलासा किया है. इस ग्रुप में भारत, पाकिस्तान समेत 28 देशों के लोग जुड़े हैं. पुलिस के साइबर दस्ते ने ग्रुप से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है.

मध्यप्रदेश पुलिस की राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि मामले में महू कस्बे के 24 वर्षीय इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मकरंद सालुंके, धार जिले के 43 वर्षीय बर्तन कारोबारी ओंकार सिंह राठौर और खंडवा जिले के12वीं के नाबालिग छात्र को गिरफ्तार किया गया है.
इनके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी धारा 67-बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

जितेंद्र सिंह ने बताया कि तीनों आरोपी ‘किड्स ओनली सेक्स’ नाम के वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़े थे. 256 सदस्यों वाले इस समूह में शामिल अधिकांश लोग पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय राज्यों के रहने वाले हैं. इसके अलावा ग्रुप से पाकिस्तान, नेपाल, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, मैक्सिको, कनाडा, म्यामार, वियतनाम, युगांडा और अल्जीरिया समेत 27 अन्य देशों के लोग भी जुड़े हैं.

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कुवैत से संचालित किया जा रहा था ग्रुप :
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब हमने मामले का खुलासा किया, तब इस ग्रुप को कुवैत के मोबाइल नंबर से चलाया जा रहा था. हालांकि इस ग्रुप के एडमिन लगातार बदलते रहते हैं. भारत का भी एक व्यक्ति इस ग्रुप का एडमिन रह चुका है. जो संभवतः गुजरात का रहने वाला है.

उन्होंने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी के इस वॉट्सऐप ग्रुप से जुड़ने के लिये उन चुनिंदा लोगों को ही लिंक भेजकर आमंत्रित किया जाता था, जो इस सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री परोसने वाले दूसरे समूहों से जुड़े होते थे. हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ग्रुप से जोड़ने के एवज में सदस्यों से  कोई शुल्क वसूला जाता था या नहीं.

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सीबीआई को किया गया सूचित :
पूरे मामले की जानकारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और संबंधित राज्यों की पुलिस के साइबर दस्तों को दे दी गई है. ताकि ग्रुप के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया जा सके. दूसरी तरफ पुलिस को  वॉट्सऐप पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कुछ अन्य समूहों के बारे भी सूचना मिली है. इस बारे में भी जांच जारी है. (इनपुट भाषा से)  


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