पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर गुरुवार को कहा कि कामकाज के लिहाज से इन दो सालों में इस सरकार के खाते में कोई उपलब्धि नहीं है। जमीनी स्तर पर कहीं कोई ठोस परिणाम भी नजर नहीं आता है। उनके मुताबिक केंद्र सरकार चुनावी वायदों को पूरा करने में असमर्थ होने के साथ भारतीय संविधान के मूल्यों की रक्षा करने में भी असमर्थ रही है।
लालू ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘आज से ढाई-तीन साल पहले देश में ऐसा माहौल बनाया जाने लगा कि मानों देश निराशा के दलदल में धंसता जा रहा है और उस मंजर में केवल गुजरात को ही आशा और सकारात्मक ऊर्जा के रूप में पेश किया गया।’
पीएम मोदी पर कसा तंज
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ‘पहली बार किसी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने अपनी जाति और चाय बेचने के प्रपंच को भुनाया और ऐसा करके पिछड़े और गरीब तबके की उम्मीद को अपनी सत्ता तक के सफर के ईंधन में तब्दील कर दिया।’
काला धन के मसले पर सरकार को कोसा
लालू ने कहा, ‘गरीबों के अच्छा जीवन जी पाने की लालसा का मजाक बनाते हुए सबको 15-15 लाख रुपये देने का सपना दिखाया गया। गांव-मोहल्ले में भाजपा के कार्यकर्ता घूम-घूम कर 15-15 लाख मिलने का भरोसा जगाते थे। सोचिए इस तरह के सपने दिखाकर गरीबों की गरीबी का कितना बेहूदा मजाक बनाया गया। 100 दिनों में कालाधन लाने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती थीं, लेकिन अब उल्टा हो रहा है और देश के मेहनतकशों की गाढ़ी कमाई का सफेद धन विदेश जा रहा है। इसको रोकने के बजाय बेबस सरकार अफसोस जताती है कि हम क्या करें।’
महंगाई नहीं हुई कम
लालू प्रसाद ने आरोप लगाया ‘महंगाई तो रत्ती भर कम नहीं हुई, उल्टे दालें महंगी हो गईं। युवाओं को सालाना दो करोड़ नौकरियां देने के सपने बेचे गये।’
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