राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद गहराया, 'प्रार्थना सभा' से मिले संकेत

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं.

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद गहराया, 'प्रार्थना सभा' से मिले संकेत

सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट (फाइल फोटो)

खास बातें

  • राजेश पायलट की स्मृति में आयोजित की गई थी सभा
  • सीएम अशोक गहलोत ने सभा में नहीं लिया हिस्सा
  • सचिन पायलट के साथ कई विधायक नजर आए
नई दिल्ली :

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं. इन खबरों को मंगलवार को तब और हवा मिली जब सचिन पायलट के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत (Ashok Gehlot) अनुपस्थित नजर आए. दूसरी तरफ, कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ राज्य के 15 मंत्रियों समेत 62 विधायकों की उपस्थिति से सियासी गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया है. कार्यक्रम में मौजूद 62 विधायकों में से चार बहुजन समाज पार्टी के और चार निर्दलीय विधायक थे. ये चार निर्दलीय विधायक इस साल मार्च में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.  

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एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बुधवार को कहा, 'इसे पायलट कैंप के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा सकता है, जो लोकसभा चुनाव में पार्टी के शर्मनाक प्रदर्शन के बाद बढ़ता और मजबूत होता जा रहा है'. उन्होंने कहा, "उसके बाद से विधायक दबे व मजबूत स्वर में मुख्यमंत्री के रूप में पायलट (Sachin Pilot) को प्रमोट कर रहे हैं". एक अन्य कांग्रेसी नेता ने हालांकि कहा, "गहलोत (Ashok Gehlot) सभी विषमताओं के बावजूद मुख्यमंत्री के तौर पर आराम की स्थिति में दिख रहे हैं. यह तीन दिन पहले साबित हो गया था, जब वह चुपचाप मुख्यमंत्री के बंगले में शिफ्ट हो गए". उन्होंने कहा, "उनका इस बंगले में शिफ्ट हो जाना राजनीतिक भाषा में बहुत कुछ कहता है, जिसके अंतर्गत चुप रहकर लेकिन एक सख्त संदेश दिया गया कि उनके पद व कैंप को लेकर सबकुछ सही है".  

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आपको बता दें कि पिछले दिनों राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक विधायक ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेनी चाहिए. पार्टी के विधायक पृथ्वीराज मीणा ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को मुख्यमंत्री बनाने की भी मांग भी की थी. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस को सभी 25 सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था और उसके बाद से पार्टी में खेमेबाजी और खींचतान चल रही है. राज्य की टोडाभीम सीट से कांग्रेस विधायक मीणा ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा,' जब पार्टी सत्ता में होती है जो हार की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है और अगर पार्टी विपक्ष में होती है जो यह जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष की रहती है'. (इनपुट- IANS)

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