Baazaar Movie Review: पैसे और जज्बात की जंग है 'बाजार', सैफ अली खान की दमदार एक्टिंग

'बाज़ार' कहानी है छोटे शहर में रहने वाले जावेद की जिनकी आखों में बड़े सपने हैं. इलाहाबाद से निकलकर वो अपने आइडल स्टॉक ब्रोकर शकुन कोठारी के साथ काम करना चाहता है और उसी की तरह शोहरत पाना चाहता है.

Baazaar Movie Review: पैसे और जज्बात की जंग है 'बाजार', सैफ अली खान की दमदार एक्टिंग

'बाजार' फिल्म में सैफ अली खान

खास बातें

  • स्टॉक मार्केट का खेल है बाजार
  • 'बाजार' फिल्म हुई रिलीज
  • सैफ अली खान की दमदार एक्टिंग
नई दिल्ली:

'बाज़ार' कहानी है छोटे शहर में रहने वाले जावेद की जिनकी आखों में बड़े सपने हैं. इलाहाबाद से निकलकर वो अपने आइडल स्टॉक ब्रोकर शकुन कोठारी के साथ काम करना चाहता है और उसी की तरह शोहरत पाना चाहता है. जुनूनी जावेद एक-एक कर सीढ़ियां चढ़ता है और उसका सपना पूरा होता है. मगर उसको ये अंदाजा नहीं कि शेयर बाजार के शोर में उसकी आवाज कहीं खोने जा रही है. शकुन कोठारी सिर्फ पैसे की बोली समझता है और उसके लिए जज्बातों का कोई मोल नहीं. दूसरी ओर जावेद जज्बातों को अहमियत देता है. पैसे और जज्बात की ये जंग जन्म देती है इस स्टॉक मार्केट ड्रामा 'बाज़ार' को.

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खामियां-
मेरे हिसाब से फिल्म की पहली खामी है इसकी लंबाई और दूसरे भाग के उतार-चढ़ाव. इसके अलावा मुझे आपत्ति है फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर से जहां क्रिएटिविटी कम और शोर ज्यादा नजर आता है. फिल्म में गाने हालांकि ज्यादा नहीं हैं पर जितने भी हैं उनके आते ही जहन में ये सवाल आता है कि ये गाना आखिर क्यों. ये गाने फिल्म की गति धीमी करते हैं. फिल्म का क्लाइमैक्स थोड़ा पुराना है और गले नहीं उतरता.

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खूबियां-
फिल्म का पहला भाग बहुत कसा हुआ और तेज गति से आगे बढ़ता है. फर्स्ट हाफ का स्क्रीनप्ले और कुछ सीन्स खूबसूरती से गढ़े गए हैं. हालांकि शेयर बाजार में ना तो मेरी रूचि है और ना ही ज्यादा जानकारी बावजूद इसके फिल्म ने मुझे बांधकर रखा और यही फिल्म की खूबसूरती है. फिल्म रोमांच बनाए रखती है और शेयर बाज़ार में रूचि ना होने के बावजूद कई सीन्स भावनात्मक सफर पर ले जाते हैं. फिल्म की दूसरी खूबी हैं खुद सैफ अली खान, जिन्होंने दमदार अभिनय किया है. निगेटिव किरदार में सैफ फबते हैं और उनका सहज अभिनय दर्शकों पर प्रभाव छोड़ता है.

दूसरे भाग में हालांकि रोमांच थोड़ा कम होता है पर बावजूद इसके आप फिल्म का अंजाम देखना चाहेंगे. हो सकता है कुछ लोग 'बाजार' की तुलना वोल्फ ऑफ वॉलस्ट्रीट से करें मगर मैं कहूंगा कि हिंदुस्तानी दर्शकों की संवेदनशीलता को देशते हुए ये फिल्म दर्शकों के साथ एक जुड़ाव पैदा करती है. इस फिल्म की रेटिंग मेरी ओर से 3 स्टार्स.

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कास्ट एंड क्रू
फिल्म की स्टारकास्ट है सैफ अली खान, चित्रांगदा सिंह, राधिका आप्टे और रोहन मेहरा. फिल्म का निर्देशन किया है गौरव के चावला. फिल्म का स्क्रीनप्ले लिखा है निखिल आडवाणी, परवेज़ शेख, असीम अरोड़ा. बैक्रग्राउंड स्कोर जॉन स्टुअर्ट एड्युरी.

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