फिल्‍म रिव्‍यू : दमदार फिल्‍म है आलिया भट्ट की 'राज़ी'

आलिया भट्ट, विक्की कौशल के आलावा 'राज़ी' में हैं जयदीप अहलावत, रजित कपूर, आरिफ़ ज़करिया, सोनी राज़दान, शिशिर शर्मा और अश्वथ भट्ट, फ़िल्म का स्क्रीनप्ले लिखा है भवानी अय्यर और मेघना गुलज़ार ने और निर्देशन है मेघना गुलज़ार का.

फिल्‍म रिव्‍यू : दमदार फिल्‍म है आलिया भट्ट की 'राज़ी'

फिल्‍म राज़ी के एक दृश्‍य में आलिया भट्ट

मुंबई:

'राज़ी' फ़िल्म है 1971 के दौरान हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के बीच रस्साकशी की जहां कश्मीर में रह रहे हिदायत ख़ान (रजित कपूर) के दोस्त हैं पाकिस्तान सेना के आला अफ़सर ब्रिगेडियर सैय्यद (शिशिर शर्मा) और उन्हें लगता है कि हिन्दुस्तान का उनका दोस्त हिदायत ख़ान उन्हें हिन्दुस्तानी सेना के अहम राज़ उन तक पहुंचाता है. पर है उल्‍टा क्योंकी हिदायत ख़ान है वतन परस्त और दो पीढ़ीयों से वो पाकिस्तान के राज़ हिन्दुस्तानी सेना को मुहैय्या करा रहा है बतौर जासूस, और फिर वो फैसला लेता है अपनी बेटी सहमत (आलिया भट्ट) को इस जंग में उतारने का और वो उसकी शादी पाकिस्तान के ब्रिगेडियर सैय्यद के छोटे बेटे इकबाल (विक्की कौशल) से करा देता है और सहमत इस ख़ानदान की बहु बन कर करती है पाकिस्तान की जासूसी. 'राज़ी' को अंग्रेज़ी में एग्री और ऊर्दू में हम सहमत भी कह सकते हैं और ये हरिन्दर सिक्का के उपन्यास 'कॉलिंग सहमत' से प्रभावित है.

कास्ट एंड क्रू
आलिया भट्ट, विक्की कौशल के आलावा 'राज़ी' में हैं जयदीप अहलावत, रजित कपूर, आरिफ़ ज़करिया, सोनी राज़दान, शिशिर शर्मा और अश्वथ भट्ट, फ़िल्म का स्क्रीनप्ले लिखा है भवानी अय्यर और मेघना गुलज़ार ने और निर्देशन है मेघना गुलज़ार का. फ़िल्म के गीत लिखे हैं गुलज़ार ने और संगीत दिया है शंकर-एहसान-लॉय ने.

ख़ामियां
बतौर फ़िल्म इस फ़िल्म में आपको ज़्यादा ख़ामिया नज़र नहीं आएंगी लेकिन बतौर सिनेमा फ़िल्म में आपको ख़ामियां नज़र आ सकती हैं. मसलन फ़िल्म में आलिया के किरदार के लिए जासूसी करना थोड़ा आसान लगता है और वो भी पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेडियर के घर में. उपन्यास में सहमत का किरदार काफी निर्दयी है पर फिल्म में सहमत के इंसानी जज़्बातों को भी उबारा गया है और इसकी वजह से आलिया के वो दृश्य जहां वो भावनात्मक उतार चढ़ाव से जूझ रही हैं फ़िल्म की लंबाई बढ़ाते नज़र आते हैं.

ख़ूबियां
बतौर फिल्म जो की मनोरंजन का साधन है इसमें बहुत सी ख़ूबियां है, जिनमें पहली खूबी है इसकी कहानी, जिसमें देशभक्ति है, रोमांच है, एक दूसरे देश पर जीत का अहसास भी है, साथ में इंसानियत का संदेश भी है. फ़िल्म का स्क्रीनप्ले बहुत अच्छे से बुना गया है और आप फ़िल्म में सहमत का साथ कहीं नहीं छोड़ते. फ़िल्म में जासूसी आलिया कर रही हैं पर सिनेमा हॉल में सीट के हैंडल आप पकड़ेंगे, दिल में धुक धुक आपके होगी, इसके उपर से आलिया के किरदार की 5 परतें एक बेटी, एक बहू, एक पत्नी, एक अच्छी इंसान और एक अनट्रेंड जासूस, जो उन्होंने बखूबी निभाई हैं, बेहतरीन तरीक़े से वो फ़िल्म को अपने कंधे पर लेकर चली हैं. दूसरी तरफ़ हैं विक्की कौशल. अभिनय में उनकी कुशलता भी कमाल की है, ये बिना कहे ही फ़िल्म में बहुत कुछ कह जाते हैं और निर्देशन के लिए तारीफ़ मेघना के निर्देशन की भी बनती है जिन्होंने मल्टीलेयरड किरदार गढ़े हैं. रजित कपूर, आरिफ़ ज़कारिया, जयदीप अहलावत और शिशिर शर्मा फ़िल्म को कहीं से भी ढीला पड़ने नही देते. जे आई पटेल का कैमरा फ़िल्म के ड्रामा को बखूबी पेश करता है साथ ही गुलज़ार के गीत और शंकर एहसान लॉय का संगीत फ़िल्म को चार चांद लगाता है, इसलिए मैं भी फ़िल्म को 4 सितारे ज़रूर दूंगा यानी 4 स्टार्स.

VIDEO: 'राज़ी में आलिया के किरदार में है दम'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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