पेराजी नाइट लीग के जरिए मिशन ओलिंपिक पर निशाना साधेंगे दिग्गज निशानेबाज

पेराजी नाइट लीग के जरिए मिशन ओलिंपिक पर निशाना साधेंगे दिग्गज निशानेबाज

लीग के दौरान निशाना साधते शूटर

खास बातें

  • रोंजन सोढी और मानवजीत सिंह संधू कर रहे आयोजन
  • हमारी कोशिश है कि इस खेल से एलीट का तमगा हटे-मानवजीत
  • कई दिग्गज निशानेबाज ले रहे हैं हिस्सा
नई दिल्ली:

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने डबल ट्रैप में डेढ़ दशक पहले एथेंस ओलिंपिक्स में रजत पदक जीतकर क़रीब सवा सौ भारतीयों को फ़ख्र का मनाने का मौक़ा दिया और उसके बाद से भारतीय शूटिंग की अलग साख बन गई है. साल 2004 के एथेंस ओलिंपिक्स के बाद उसके बाद भारत ने शूटिंग के ज़रिये दुनिया के सभी प्लैटफ़ॉर्म पर अपना दबदबा भी साबित किया. शॉटगन शूटर्स (ट्रैप, डबल ट्रैप और स्कीट शूटर्स की आउटडोर शूटिंग) भी दुनिया भर में अपनी धाक जमाते रहे. ये और बात है कि शॉटगन के ज़रिए सिर्फ़ ओलिंपिक्स में भारत एथेंस ओलिंपिक्स के बाद कोई और पदक नहीं जीत पाया. इसी बात को ध्यान में रखते हुए  रोंजन सोढी और मानवजीत सिंह संधू जैसे पूर्व ओलंपियन्स की एक टीम ने शॉटगन की पेराज़ी नाइट शूटिंग लीग शुरू की है. 

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ग्लैमर और गन के इस कॉम्बिनेशन के ज़रिए ये लीग ट्रैप-डबल ट्रैप जैसे खेलों का रुतबा बढ़ाने की उम्मीद कर रही है. पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 शूटर रोंजन सोढी और 2006 ज़ागरेब वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल विजेता ओलिंपियन ट्रैप शूटर मानवजीत सिंह संधू के साथ मानव रचना यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष अमित भल्ला ने मिलकर इस लीग की शुरुआत की है. वो इसे भारत के अलग-अलग शहरों में ले जाकर 12 बोर के शॉटगन के खेल को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं.

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पूर्व ओलिंपियन मानवजीत सिंह संधू कहते हैं, "हमारी कोशिश है कि इस खेल से एलीट का तमगा हटे. राइफ़ल और पिस्टल में बहुत हद तक ये बात लागू हो चुकी है.लेकिन शॉटगन को अभी भी आम लोग एलीट का खेल मानते हैं. हम चाहते हैं ये खेल आम लोगों की पहुंच में आ जाए." मानव रचना यूनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष अमित भल्ला कहते हैं, "देश में कहीं और नाइट शूटिंग का इंफ़्रास्ट्रक्चर नहीं है. हमने दिल्ली के पास इसकी शुरुआत की है. इसे देश के दूसरे शहरों में ले जाएंगे. यूरोप और सऊदी अरब में ये बेहद लोकप्रिय है." डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढ़ी कहते हैं, "इसके ज़रिये इस खेल की लोकप्रियता ज़रूर बढ़ेगी. आप अभी ही इसे लेकर लोगों की प्रतिक्रिया देख सकते हैं. कितने सारे लोग आ रहे हैं. हर उम्र के बच्चे-बूढ़े, लड़कियां, औरतें इसे खेल रही हैं. यही इस खेल को आगे ले जाएगा. 

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भारत की पहली महिला शॉटगन शूटर शगुन चौधरी, गोल्ड कोल्ट कॉमनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता डबल ट्रैप शूटर श्रेयासी सिंह और जोहड़ी की मशहूर ट्रैप शूटर सीमा तोमर की भागीदारी इस लीग की रौनक बढ़ रही हैं. इन सबको लगता है कि ग्लैमर के साथ गन का मिलन इस खेल की गरिमा और कद ज़रूर बढ़ाएगा.