
अपने पिता के साथ भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल. (फाइल फोटो)
भारत की बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल के पिता की खेल गांव में एंट्री पर गहराया विवाद अब थम गया है. भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) को साइना के पिता हरवीर सिंह का आधिकारिक मान्यता कार्ड (एक्रीडेशन) बनवाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने राष्ट्रमंडल खेलों से हटने की धमकी दे डाली थी. सूत्रों से जानकारी मिली है कि साइना के पिता अब अपनी बेटी के मैच यहां देख सकेंगे.
Thank u so much @ioaindia for the support and help sorting out my father’s accreditation card in such short notice ..Hopefully it will b great for the matches ahead ..and I m sorry for all the trouble #CommonwealthGames2018pic.twitter.com/fWCvrLk4YV
— Saina Nehwal (@NSaina) April 3, 2018
Accreditation resolved! Saina is all cheers now...
— IOA - Team India (@ioaindia) April 3, 2018
'All is #Gold 🥇 that ends well' #AllTheBest@NSaina for #GC2018#CommonwealthGames Make us proud! pic.twitter.com/ztBNDpbyUg
सोशल मीडिया पर साइना की नाराजगी के बाद इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन उनके पिता की एंट्री को लेकर राजी हो गया. मामला सुलझने के बाद साइना ने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजीव मेहता और आईओए को शुक्रिया कहा. राष्ट्रमंडल खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता साइना ने गोल्ड कोस्ट में मौजूद आईओए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी को पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने लिखा था कि अगर उनके पिता को 'एक अधिकारी' के रूप में मंजूरी नहीं दी गई तो वह इन खेलों में हिस्सा नहीं लेगी.
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साइना ने आईओए को संबोधित पत्र में लिखा, 'मैंने आपको संदेश भेजा और आपसे बात करने की भी कोशिश की लेकिन आपने मेरा फोन नहीं उठाया, लेकिन मेरे पिता को लेकर बड़ा मुद्दा बना दिया गया है. अगर उनका एक अधिकारी के रूप में एक्रीडेशन नहीं बनता है तो मैच नहीं खेलूंगी.' आईओए के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि साइना ने पत्र लिखा है.
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आईओए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'खिलाड़ियों की मदद करना हमारा कर्तव्य है. उन्हें पदक जीतने पर ध्यान देना चाहिए. हां, साइना ने वरिष्ठ अधिकारी को पत्र लिखा था, लेकिन हम इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहते हैं. हमने अभी समस्या का निवारण कर दिया है. हम पत्र की भाषा पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.' भारतीय दल के प्रमुख विक्रम सिसौदिया ने कहा, 'मुझे उनका कोई पत्र नहीं मिला है. उन्होंने केवल मुझे समस्या से अवगत कराया और कहा कि इसे सुलझाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है.'
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खेल मंत्रालय ने साफ किया था कि साइना और रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधू के माता पिता सरकारी खर्चे पर गोल्ड कोस्ट नहीं जाएंगे. उन्हें भारतीय दल का हिस्सा बनने की मंजूरी दे दी गई थी. साइना ने एक दिन पहले कई ट्वीट करके अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने लिखा था, 'यह देखकर हैरानी हुई कि जब हम राष्ट्रमंडल खेल 2018 के लिए भारत से रवाना हुए तो मेरे पिता की टीम अधिकारी के रूप में पुष्टि की गई थी और मैंने इसके लिए पूरा भुगतान किया, लेकिन जब हम खेल गांव पहुंचे तो उनका नाम टीम अधिकारियों की सूची से काट दिया गया था. वह यहां तक कि मेरे साथ भी नहीं रह सकते हैं.' इस पर आईओए ने जवाब में लिखा था कि उन्होंने लगातार भारतीय बैडमिंटन संघ (बाइ) को बताया था कि अतिरिक्त अधिकारी के लिए भुगतान में खेल गांव में बिस्तर की व्यवस्था शामिल नहीं है.
आईओए ने लिखा, 'प्रिय साइना, हरवीर सिंह का एक्रीडेशन अतिरिक्त अधिकारी के रूप में हुआ है. जैसा कि गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के सीडीएम नियमावली में लिखा गया है और जिसके बारे में लगातार भारतीय बैडमिंटन संघ को बताया गया, कि अतिरिक्त अधिकारी के लिए खेल गांव में बिस्तर की व्यवस्था नहीं है.' आईओए ने इसके साथ ही आधिकारिक दस्तावेज की तस्वीर भी लगाई है. इसमें लिखा गया है कि 'अतिरिक्त टीम अधिकारी के लिए खेल गांव में यात्रा भत्ता और बिस्तर शामिल नहीं है.' साइना के पिता हरवीर सिंह और पीवी सिंधू की मां विजया उन 15 लोगों में शामिल हैं जिन्हें भारतीय दल के रूप में मंजूरी दी गई है, लेकिन उनकी यात्रा, ठहरने और अन्य खर्चों का वहन सरकार नहीं कर रही है.
(इनपुट : भाषा)