
सिंधु ने रियो ओलिंपिक में सिल्वर जीता, वहीं साइना दूसरे राउंड से आगे नहीं बढ़ पाईं (फाइल फोटो)
खास बातें
- दो ओलिंपिक पदक विजेताओं को तैयार करने वाले कोच बने गोपीचंद
- साइना की छाया से बाहर निकलकर सिंधु ने बनाई अलग पहचान
- ओलिंपिक खेलों में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे के.श्रीकांत
पीवी सिंधु ने इस साल ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर खुद को शीर्ष खिलाड़ियों की जमात में शामिल कर लिया जबकि साइना नेहवाल चोटों से जूझती रहीं. बीते साल भारतीय बैडमिंटन ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी मौजूदगी पूरी शिद्दत से दर्ज कराई. सिंधु के लिए यह साल यादगार रहा जिसने रियो ओलिंपिक में सिल्वर जीता. भारत के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद के लिए भी यह एक रिकॉर्ड रहा जो दो ओलिंपिक पदक विजेताओं को तैयार करने वाले अकेले भारतीय कोच बन गए. दूसरी ओर, साल के पहले हिस्से में साइना नेहवाल चोटों से जूझती रहीं हालांकि वह रियो में भारत की मेडल उम्मीद मानी जा रही थीं.
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विश्व चैम्पियनशिप में दो ब्रॉन्ज जीत चुकीं सिंधू को मेडल का प्रबल दावेदार नहीं माना जा रहा था क्योंकि ओलिंपिक से पहले हुए टूर्नामेंटों में वह जल्दी बाहर हो गई थीं. ओलंपिक में साइना जहां शुरुआती चरण में ही बाहर हो गई तो सिंधु रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं. इस जीत से उन्होंने भारतीय बैडमिंटन में साइना की छाया से निकलकर अपनी अलग पहचान बनाई. इसके कुछ समय बाद साइना ने मुंबई में घुटने का आपरेशन कराया और लंबा समय रिहैबिलिटेशन में बिताया.
ओलिंपिक पदक के अलावा सिंधु ने चाइना ओपन जीतकर अपना नाम इतिहास पुस्तिका में दर्ज करा लिया. वह यह खिताब जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी बन गईं. इसके अलावा वह हांगकांग ओपन के फाइनल में पहुंचीं और दुबई में पहली बार विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स खेलते हुए सेमीफाइनल तक पहुंचीं.
सिंधू ने कहा,‘यह साल मेरे लिये यादगार रहा क्योंकि ओलिंपिक में पदक जीतना बड़ी उपलब्धि थी. मेरा सपना सच हो गया. मैं हमेशा से सुपर सीरीज जीतना चाहती थी और वह भी जीत ली. मेरा लक्ष्य दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनना है. मैं छठे स्थान पर पहुंची और मैं बहुत खुश हूं. इस लय को कायम रखकर आगे इसमें सुधार करूंगी.’साइना ने इस साल ऑस्ट्रेलियाई सुपर सीरीज खिताब जीता और के. श्रीकांत रियो में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे.उन्होंने सैयद मोदी अंतरराष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी जीती. एचएस प्रणय ने बासेल में स्विस ओपन ग्रांप्री गोल्ड जीता.
पुरुष एकल में सौरभ वर्मा ने चीनी ताइपेई ग्रांप्री जीता और बिटबर्गर ओपन में उपविजेता रहे. बीसाइ प्रणीत ने कनाडा ग्रांप्री जीता और समीर वर्मा राष्ट्रीय चैम्पियन बने. वह हांगकांग ओपन में उपविजेता रहे और अजय जयराम डच ओपन ग्रां प्री में उपविजेता रहे. मनु अत्री और बी सुमीत रेड्डी ने कनाडा ओपन में युगल खिताब जीता और ओलिंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जोड़ी बने.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)