वित्तवर्ष 2018-19 के आम बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इनकम टैक्स के स्लैब तथा दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन फिर भी कुछ परिवर्तनों का प्रस्ताव रखा है, जिनसे बहुत-से टैक्सपेयर प्रभावित होंगे... दरअसल, वर्ष 2018-19 के वार्षिक बजट में शेयरों व इक्विटी म्यूचुअल फंडों पर लगने जा रहे लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स से लेकर वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय पर राहत तक कई बदलाव किए गए हैं... वित्तमंत्री ने एक ओर वेतनभोगियों के लिए नई मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) का प्रस्ताव रखा है, लेकिन साथ ही इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस की दर को एक फीसदी बढ़ा दिया है... इनमें से ज़्यादातर परिवर्तन 1 अप्रैल को वित्तवर्ष 2018-19 शुरू होते ही प्रभावी हो जाएंगे...
देश की सुरक्षा के लिए सरकार ने बजट में 7.81 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार सबसे बड़ी राहत 250 करोड़ तक के कारोबार वाली छोटी कंपनियों को दी. उन पर अब 25 फ़ीसदी कॉर्पोरेट टैक्स लगेगा. इसका फ़ायदा देश की उन 99 फ़ीसदी कंपनियों को मिलेगा जिन पर नोटबंदी-जीएसटी का काफी असर पड़ा था.
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में पेश 2018-19 के आम बजट में फुटवियर और चमड़ा उद्योग को आयकर अधिनियम की धारा 80-जेजेएए के अंतर्गत लाभ देने का प्रस्ताव किया है.
मोदी सरकार के आखिरी पूर्णकालिक आम बजट को लेकर निराशा जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाए कि केंद्र दिल्ली के साथ ‘सौतेला व्यवहार जारी रखे हुए है.’ केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में महत्वपूर्ण ढांचागत विकास के लिए कुछ वित्तीय सहायता की उन्हें उम्मीद थी. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय करों और शुल्कों में दिल्ली की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाने पर नाखुशी जताई और कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को ‘दोयम दर्जे का नागरिक’ समझती है.
आयकर विभाग ने एक बयान में कहा कि उसने बेनामी संपत्ति लेन-देन रोकथाम कानून के तहत यह कार्रवाई तेज कर दी है. उल्लेखनीय है कि यह कानून एक नवंबर 2016 से प्रभावी हुआ है.
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय के समक्ष व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. हालांकि, छूट सीमा को पांच लाख रुपये तक बढ़ाने की समय समय पर मांग उठती रही है.
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल और दिसंबर के बीच देश का प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) संग्रह 6.56 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 18.2 फीसदी अधिक है.
सरकार ने आज लाभ अर्जित कर रहीं सहकारी बैंकों को आयकर में छूट देने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि ये बैंक अन्य व्यावसायिक बैंकों की तरह काम करती हैं और उसी अनुसार इन्हें देखा जाना चाहिए.
केंद्र सरकार ने आज कहा कि पिछले कुछ सालों में व्यक्तिगत आयकर दाताओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है और वर्ष 2016-17 में यह बढ़कर छह करोड़ के पार हो गई.