राहुल गांधी अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेमिनार में शामिल होंगे. राहुल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काफी जोर देते रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कई दशक से बातें हो रही हैं. वैज्ञानिक भी इस पर इसके अच्छे और बुरे परिणाम की बातें कर चुके हैं. यही नहीं, इस पर मैट्रिक्स, आई रोबोट, टर्मिनेटर, ब्लेड रनर जैसी फिल्म भी बन चुकी हैं, जो सुपरहिट साबित हुई हैं. आइए जानते हैं आखिर है क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस...
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क्या होती है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है बनावटी तरीके से विकसित की गई बौदि्धक क्षमता. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शरुआत 1950 के दशक में हुई थी. इसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जो उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास करता है जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क चलते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले सिस्टम के जरिए 1997 में शतरंज के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शुमार गैरी कास्पोरोव को भी हराया जा चुका है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे करता है काम
1. इंसान की तरह सोचना.
2. इंसान की तरह व्यवहार करना.
3. तथ्यों को समझना एवं तर्क एवं विचारों पर अपनी प्रतिक्रिया भी देना.
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लोगों को क्या फायदा मिलेगा
1. लोगों को कम समय में जानकारी हासिल हो सकेगी.
2. फाइनेंस, मौसम की जानकारी पल भर में हासिल हो जाएंगी.
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने से सबसे बड़ा नुकसान होगा इंसानों के लिए. इंसानों के स्थान पर मशीनों को काम में लिया जाएगा. मशीनें स्वयं ही निर्णय लेने लगेंगी और उस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो वह मानव सभ्यता के लिए हानिकारक हो सकता है.