जानें, आपका PPF खाता कब पांच साल की FD से बेहतर हो जाता है...

PPF खाते को 15 साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद नियमानुसार पांच-पांच साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है, और उसमें कोई रकम जमा कराने या नहीं कराने का विकल्प भी निवेशक के पास रहता है...

जानें, आपका PPF खाता कब पांच साल की FD से बेहतर हो जाता है...

PPF खाते से निकाली गई किसी भी रकम पर टैक्स नहीं लगाया जाता...

15 साल की अवधि में मैच्योर होने वाला पीपीएफ, यानी पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, यानी PPF खाता देश में सर्वाधिक लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है... इनकम टैक्स के नियमों के हिसाब से देखें, तो PPF आपको EEE (करमुक्त, करमुक्त, करमुक्त) का लाभ देता है, यानी PPF खाते में प्रत्येक वर्ष जमा कराई गई 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर आपको इनकम टैक्स नहीं देना होता, इस पर मिलने वाला ब्याज भी पूरी तरह टैक्स फ्री, यानी करमुक्त होता है, और मैच्योरिटी पर मिलने वाली समूची रकम भी पूरी तरह करमुक्त, यानी टैक्स फ्री होती है... PPF खाते को 15 साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद नियमानुसार पांच-पांच साल के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है, और उसमें कोई रकम जमा कराने या नहीं कराने का विकल्प भी निवेशक के पास रहता है...

यह भी पढ़ें : क्या है PF, यानी प्रॉविडेंट फंड - जानें पीएफ से जुड़े सभी सवालों के जवाब...

वित्तीय सलाहकारों के अनुसार, अगर निवेशक को तुरंत कोई रकम नहीं चाहिए, यानी अगर निवेशक को पैसे की फौरी ज़रूरत नहीं है, तो PPF खाते को 15 साल के बाद भी चलाए रखना चाहिए... चेन्नई स्थित होलिस्टिक इनवेस्टमेंट प्लानर्स (www.holisticinvestment.in) के निदेशक तथा प्रमुख वित्तीय योजनाकार रामलिंगम के. का कहना है, "शुरुआती 15 साल के ब्लॉक पीरियड के बाद भी बेहतर होगा कि आप PPF खाते को चलाए रखें... इसके बाद इसमें लगातार निवेश करने की बाध्यता नहीं रहती है, और निवेशक हर साल एक बार पैसा निकाल भी सकता है..."

PPF खाताधारक इस एक्सटेंशन अवधि के दौरान आंशिक निकासी कर सकते हैं, और PPF खाते से निकाली गई किसी भी रकम पर टैक्स नहीं लगाया जाता है... यदि PPF खाते को एक्सटेंड करते वक्त कोई भी रकम जमा नहीं कराने का विकल्प (without-contribution mode) चुना गया हो, तो किसी भी हद तक रकम की निकासी की जा सकती है, लेकिन प्रत्येक वर्ष में सिर्फ एक बार पैसे की निकासी किया जाना मुमकिन है...

इस वक्त PPF खातों पर सालाना 7.6 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है... रामलिंगम के. के मुताबिक, "यह (PPF) इस वक्त 7.6 प्रतिशत टैक्स फ्री ब्याज हासिल कर रहा है... जो किसी भी बैंक की फिक्स्ड डिपॉज़िट या एफडी से बेहतर दर है... यहां तक कि यह वरिष्ठ नागरिकों, यानी सीनियर सिटिज़न को भी इससे कम ब्याज दिया जाता है... सो, इसे बंद करने के स्थान पर आप इसे बढ़ा सकते हैं..."

यह भी पढ़ें : ग्रेच्युटी क्या है, कैसे कर सकते हैं कैलकुलेट – ग्रेच्युटी से जुड़े सभी सवालों के जवाब

रामलिंगम के अनुसार, अगर किसी PPF खाताधारक को पैसे की ज़रूरत है, तो भी बैंक की एफडी से पैसा निकालना बेहतर है, क्योंकि उस पर आपको PPF की तुलना में कम ब्याज हासिल हो रहा है... उन्होंने कहा, "PPF खाते को आगे बढ़ाना (मैच्योरिटी अवधि खत्म हो जाने के बाद) आकर्षक होता है, क्योंकि इसकी ब्याज दर कुछ अधिक है, और कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स ब्रैकेट में आते हैं... अगर आपकी आय करयोग्य, यानी टैक्सेबल नहीं है, तो भी PPF खाते को आगे बढ़ाना फायदेमंद है..."

गौरतलब है कि बैंकों या पोस्ट ऑफिसों में कराई जाने वाली एफडी या आवर्ती जमा (RD या रिकरिंग डिपॉज़िट) पर हासिल ब्याज पूरी तरह टैक्सेबल होता है, यानी उस पर इनकम टैक्स देना पड़ता है...


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com