
धरने पर बैठा दलित परिवार
खास बातें
- 10 दिन से धरने पर बैठे दलित परिवार की उम्मीदें
- अपने बेटे पर हुए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ धरना दे रहा है परिवार
- डीएम कार्यालय के कैंपस में धरने पर पर बैठे हैं
अंबेडकर जयंती के मौके पर हर कोई दलितों के हक़ की बात कर रहा था, लेकिन बहराइच में एक दलित परिवार धरना देकर इंसाफ की लड़ाई लड़ रहा था. इस दलित परिवार की सुध लेने वाला कोई नहीं मिला. गुरुशरण पुलिस की नौकरी से रिटायर हुए हैं और पिछले 10 दिनों से अपने बेटे के खिलाफ हुए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए लड़ रहे हैं. उनका आरोप है कि 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान उनके बेटे गगन गौतम को पुलिस ने हिरासत में लेकर बेरहमी से मारा-पीटा. उनकी मांग है कि इसके लिए जिम्मेदार पुलिस ऑफिसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाये.
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अपनी इसी मांग को लेकर पिछले 10 दिनों से डीएम कार्यालय के कैंपस में धरने पर पर बैठे हैं. गुरुशरण का ये भी आरोप है कि पुलिस अधिकारी ने उनके बेटे को धमकाते हुए ये भी कहा कि अगर वो आगे इस तरह के आंदोलनों में पाया गया तो पूरे परिवार को सलाखों के पीछे कर दिया जायेगा. गुरुशरण इस मुद्दे को लेकर बहराइच के डीएम, एसपी समेत राज्य के पुलिस महानिदेशक, मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री सभी को पत्र लिख चुके हैं.
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इस दलित परिवार ने डीएम को शपथपत्र देकर यहां तक कहा है कि अगर उनके आरोप जांच में गलत साबित हुए तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये. इस मामले पर जब एनडीटीवी ने डीएम से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश दिए जा चुके हैं और रिपोर्ट आने पर उचित करवाई की जाएगी. वहीं, दलित परिवार का कहना है कि घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के रहते कोई भला उसके खिलाफ गवाही कैसे दे सकता है. वो अपने पक्ष में जांच को प्रभावित करेगा.