प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ देश भर में आए दिन होने वाले रेल हादसों व सड़क हादसों में घायल हुए यात्रियों की पहचान करने के मकसद से डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सकों ने एक मोबाइल ऐप 'हेल्प मी डियर' विकसित किया है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना में घायल या जहरखुरानी के शिकार लोगों की पहचान इस ऐप की मदद से आसानी से की जा सकेगी. सूबे के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस एप की सराहना की है.
लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विनोद कुमार आर्य द्वारा तैयार एप 'हेल्प मी डियर' को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. डॉ. आर्य का कहना है कि सड़क हादसे, रेल हादसे या जहरखुरानी के बाद बेहोश मिले व्यक्ति की पहचान में काफी परेशानियां आती थीं. लोगों तक पहुंच बनाना काफी कठिन होता था. इस परेशानी से निजात पाने के लिए 'हेल्प मी डियर' तैयार किया गया है, जो काफी कारगर साबित हो सकता है.
इस ऐप पर पीड़ित व्यक्ति की फोटो अपलोड करनी होती है. इस एप को इस्तेमाल कर रहा व्यक्ति फोटो से संबंधित व्यक्ति को पहचान लेगा. पहचानकर्ता को ऐप के जरिये यह जानकारी मिल जाएगी कि पीड़ित की फोटो कब और कहां अपलोड की गई है. इस तरह वह आसानी से संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर सकता है.
लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डी.एस. नेगी ने बताया, "इस ऐप के जरिये हादसे में घायल हुए लोगों की मदद तो मिलेगी ही, भीड़ में गुम हुए बच्चे की भी पहचान और सफर में छूटे समान को तलाशने में भी मिल सकती है. यह ऐप लोगों की मदद के लिए काफी कारगर साबित होगा."
इस बीच, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया, "कोई भी अनहोनी होने पर हेल्प मी डियर ऐप पर उसकी फोटो डाली जाएगी. फोटो डालते ही इस एप पर दिनांक, समय एवं स्थान खुद ब खुद दिखने लगेगा. इससे वह व्यक्ति जहां भी होगा, उसकी पहचान आसानी से हो सकेगी. ऐसे में संबंधित व्यक्तियों से घर बैठे ही संपर्क हो सकेगा."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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