याचिका में लगाया गया है कुछ लोगों को बचाने का आरोप
न्यायिक जांच की मांग को लेकर दी गई है याचिका
नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने गोरखपुरमें हुई घटना को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में जनहित याचिका दाखिल कर न्यायिक जांच की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार और उससे जुड़े विभागों की ओर से मीडिया में आ रही ऑक्सीजन की कमी से मौत होने की खबर को नकारा जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि कुछ छिपाया जा रहा है और कुछ लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है. उनका कहना है कि लोगों में यह धारणा है कि मुख्य सचिव के नेतृत्व वाला जाँच दल सरकार के ही समर्थन करेगा, इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच की जाने की जानी चाहिए ताकि सभी तथ्य सामने आ सकें और कोई दोषी व्यक्ति बच न पाए. याचिका में सरकार को ऐसे निर्देश देने के लिए भी प्रार्थना की गयी है जिससे गोरखपुर जैसा हादसा दुबारा न हो सके.
इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान द्वारा निजी प्रैक्टिस करने की बात सामने आने पर याचिका में हाई कोर्ट की ओर से सरकारी डॉक्टरों के निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबन्ध लगाये जाने के आदेश का भी कड़ाई से पालन कराये जाने की भी मांग की गई है. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से 30 बच्चों की मौत हो गई थी.
Video : कब सुधरेंगी स्वास्थ्य सेवाएं हालांकि ऑक्सीजन की कमी की बात उत्तर प्रदेश सरकार की शुरू से नकार रही है जबकि मीडिया रिपोर्ट और कुछ अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि इस घटना के पीछे ऑक्सीजन की सिलेंडर सप्लाई रूक जाना है. जिसे सप्लाई करने वाली कंपनी ने भुगतान न होने की वजह से रोक दिया था. इस घटना में अस्पताल के डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच की जा रही है.