उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह की फाइल फोटो.
गौतमबुद्धनगर की आम्रपाली पुलिस चौकी में डीजीपी पहुंचे तो पुलिसकर्मी न उन्हें पहचान पाए और न ही उनका वाहन. महकमे के सबसे आलाधिकारी के आने पर भी बिल्कुल बेपरवाह रहे. यहां तक कि सैल्यूट भी नहीं ठोका. जब तक उन्हें डीजीपी के बारे में खबर हो पाती, तब तक खिलाफ एक्शन की तैयारी हो चुकी थी. इस पर चौकी प्रभारी और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया. कार्रवाई के पीछे अनुशासनहीनता की बात कही गई है.रिपोर्ट्स के मुताबिक डीजीपी के पूछताछ करने पर ठीक से दारोगा और कांस्टेबल पेश भी नहीं आए थे. हालांकि एसएसपी ने इस बात को खारिज किया है. एसएसपी का कहना है कि डीजीपी से चौकी प्रभारी और कांस्टेबल ने कोई सवाल-जवाब नहीं किया था.
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गौतम बुद्ध नगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह दिल्ली में एक बैठक में जा रहे थे. इस दौरान वह शहर से गुजरते वक्त सेक्टर 30 के आम्रपाली पुलिस चौकी पर पहुंचे. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय पाल शर्मा के मुताबिक डीजीपी दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर चौकी पहुंचे थे . उस वक्त प्रभारी निरीक्षक और कांस्टेबल तैनात थे. एसएसपी ने बताया कि एसआई और कांस्टेबल ने ड्यूटी के समय अपनी टोपी नहीं पहन रखी थी.
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उन्होंने उसे अपनी जिप्सी में रखा हुआ था. यह दोनों डीजीपी के वाहन को नहीं पहचान सके और इनका पूरा रवैया भी लापरवाही भरा था. शर्मा ने इस बात को खारिज कर दिया कि एसआई और कांस्टेबल ने डीजीपी के साथ सवाल-जवाब किया था. शर्मा ने पुष्टि की कि उन दोनों ने डीजीपी को पहचाना था और वह वाहन के निकट भी पहुंचे थे.हालांकि खबरों के मुताबिक निलंबन की कार्रवाई डीजीपी को न पहचाने जाने की वजह से हुई है. (इनपुट-भाषा से)
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