
यूपी में स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण में सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मतदान किया
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के पहले चरण में 52.85 फीसदी मतदान हुआ. राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि निकाय चुनाव का यह दौर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. हमीरपुर जिले में सर्वाधिक 69.59 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि गोरखपुर में सबसे कम 39.23 प्रतिशत मतदान हुआ है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने गोरखपुर में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. चुनाव आयोग के अनुसार, शामली में 66.83, मेरठ में 54.09, हापुड़ में 57.72, बिजनौर में 63.35, बदायूं में 60.89, हाथरस में 63.72, कासगंज में 62.26, आगरा में 43.11, कानपुर नगर में 44.92 और जालौन में 61.85 फीसदी मतदान हुआ.
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हमीरपुर में 69.59, चित्रकूट में 62.19, कौशाम्बी में 65, प्रतापगढ़ में 61.51, उन्नाव में 62.11, हरदोई में 64.14, अमेठी में 68.44, फैजाबाद में 54.08, गोंडा में 60.39, बस्ती में 55.57, गोरखपुर में 39.23, आजमगढ़ में 59.44, गाजीपुर में 57.97 और सोनभद्र में 57.71 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. गोरखपुर महापौर चुनाव के लिए 35.62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि नव गठित अयोध्या (फैजाबाद: नगर निगम में 49.98 प्रतिशत मतदान हुआ. पहले चरण में मेरठ, आगरा, कानपुर नगर, फैजाबाद और गोरखपुर नगर निगम शामिल हैं.
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मुख्यमंत्री ने वार्ड संख्या 68, पुराना गोरखपुर के कन्या प्राइमरी पाठशाला स्थित मतदान केंद्र में एक सामान्य मतदाता की तरह मतदान किया. योगी ने मत डालने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सभी मतदाता अपने मताधिकार का अवश्य प्रयोग करें. उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में भाजपा को जबर्दस्त सफलता मिलेगी. सभी जगहों पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी होगें।.मतदान के बाद मुख्यमंत्री वाराणसी और इलाहाबाद के लिए रवाना हुए. उन्नाव से प्राप्त समाचार के अनुसार भाजपा सांसद साक्षी महाराज और पूर्व कांग्रेस सांसद अन्नू टंडन के नाम नगर निकाय चुनावों की मतदाता सूची से गायब मिले. साक्षी महाराज ने इसे गहरी साजिश बताते हुए कहा कि जिलाधिकारी नए हैं, लेकिन अपर जिलाधिकारी बी एन यादव लंबे समय से जिले में तैनात हैं. निर्वाचन का काम भी वही देख रहे थे, इसके बाद इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई.
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उन्होंने कहा कि सांसद का नाम मतदाता सूची से गायब होना किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है. उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने भी अपना नाम मतदाता सूची से गायब होने की शिकायत की. उप जिलाधिकारी मेधा रूपम के गलती मानने तथा जांच का आश्वासन दिए जाने के बाद पूर्व सांसद बिना वोट डाले ही वापस लौट गई. जिलाधिकारी एनजी रवि ने दोनों ही प्रकरण पर कहा कि मामला गंभीर है. शिकायत की जांच कर कार्रवाई होगी.
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राज्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने कहा, 'बदायूं में बैलट पेपर लेकर भागने का मामला सामने आया है. ऐसे में वहां पुनर्मतदान होगा. वहीं शामली में आचार संहिता उल्लंघन के मामले में निर्दलीय प्रत्याशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कानपुर और मेरठ में दो दो स्थानों पर ईवीएम खराब होने के कारण बदली गई है. अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह से प्रथम चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ है. आगे भी इसी तरह वोटिंग होगी और आशा है कथित वोट प्रतिशत और बढ़ेगा. इसमें सभी का सहयोग रहा है. (इनपुट भाषा से)