
विवेक तिवारी हत्याकांड का क्राइम सीन
लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या की जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को मौका-ए-वारदात पर घटना की चश्मदीद गवाह और विवेक की साथी सना को बुलाकर कत्ल के सीन का रिकंस्क्ट्रक्शन किया. एसआईटी इससे यह पता करेगी कि विवेक के कत्ल में सना सच बोल रही है या सिपाही सच बोल रहा है. इसके लिए विवेक की कार के मॉडल वाली कार और पुलिस की अपाची बाइक का इस्तेमाल किया गया. मौके पर कत्ल के आरोपी प्रशांत बने सिपाही से उसी अंदाज में गोली चलाने की भी एक्टिंग कराई गई.
कत्ल के सीन को फिर दोहराया गया. एक तरफ से विवेक की कार जैसी महिंद्रा XUV 500 आई और ठीक उसी जगह रुक गई, क्योंकि सामने से प्रशांत और संदीप बने दोनों सिपाही अपनी अपाचे बाइक से उनकी कार के सामने आ गये. फिर प्रशांत बने सिपाही ने अपनी रिवॉल्वर निकाल कर सामने से विवेक को गोली मार दी.
दूसरी ओर लखनऊ में एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी सिपाहियों के समर्थन में उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद और अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन ने 5 तारीख को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि इस रोज पुलिस के लोग काली पट्टी बांधेंगे और सोशल साइट्स पर अपनी डीपी काली कर देंगे और आरोपी सिपाहियों के समर्थन में सोशल मीडिया के माध्यम से जनसमर्थन जुटाएंगे. सिपाहियों के इस गुट ने सोशल मीडिया के जरिए हत्या आरोपियों की हिमायत में पहले से ही अभियान छेड़ रखा है.
उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद के महासचिव व कानपुर की पीएसी की 37वीं बटालियन में तैनात अविनाश चंद्र पाठक घटना के अगले दिन से ही अपने फेसबुक पर आरोपी सिपाहियों के पक्ष में लिख रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि वे सजा के नहीं बल्कि पुरस्कार के पात्र हैं.
उधर विवेक तिवारी की पत्नी सोशल मीडिया पर पुलिस के कैंपेन से बहुत आहत हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, कि क्या सोशल साइट्स पर चल रही पुलिस की इन गतिविधियों को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नहीं देख रहे हैं? फौरन इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. अगर मेरे पति और वो लड़की कुछ कर भी रहे हों तो क्या उनको गोली मारी जा सकती है.
कत्ल के वक्त विवेक की गाड़ी में मौजूद उनकी दोस्त सना कहती हैं- 'हमलोग घर आ रहे थे, तो रॉन्ग साइड से यानी सामने से पुलिस वाले अपनी अपाचे बाइक से आए. पीछे वाले के हाथ में डंडा था और आगे वाले के पास रिवॉल्वर थी. उन्होंने विवेक सर से गाड़ी रोकने को कहा. हम लोग डर गये कि इतनी रात को ये पता नहीं क्या करें. इसलिए विवेक सर ने उनसे बच कर निकालने की कोशिश की. इसी में उनकी कार सिपाहियों की बाइक से टकरा गई. इससे नाराज सिपाहियों ने सामने से रिवॉल्वर से उन्हें गोली मार दी.'
एसआईटी के एस्पर्स्ट्स क्राइम सीन के रिक्रियेशन को स्टडी करते रहे. प्रशांत के रिवॉल्वर तानने पर जमीन से रिवॉल्वर की दूरी... रिवॉल्वर से कार की विंडस्क्रीन की दूरी... बाइक से कार की दूरी सब नापी जाती रही... और एसआईटी के लोग उसे दर्ज करते रहे.
एसआईटी के हेड और आईजी सुजीत कुमार पांडे का कहना है कि -''जो मार्क्स हमें दिखे हुए थे, उसे हमने ध्यान में रखा हुआ था और उसके बाद हमने पूछताछ की. फॉरेंसिक की पूरी टीम, बैलेस्टिक की पूरी टीम ने नोटिस किया. जो-जो उनको नोट करना था. अब हम इसको एनालाइज करेंगे, बहुत सारी चीजें हैं, जिसे हम कलेक्ट करते हैं और तभी सभी चीजों को हम हर पहलू को देखते हैं. ये एक पहलू है. जांच के लिए घटना का रिक्रिएशन काफी महत्वपूर्ण पहलू होता है.''
विवेक की साथी सना का बयान है कि पुलिस से बच के निकलते वक्त विवेक की गाड़ी सिपाहियों की बाइक से टकरा गई. लेकिन सिपाहियों का दावा है कि विवेक ने उन्हें कार चढ़ा कर मारने की कोशिश की. इस घटना के रिकंस्ट्रक्शन उन दोनों के दावों की हकीकत का पता चलेगा.
विवेक तिवारी हत्याकांड : घटना से चंद मिनट पहले का CCTV फुटेज आया सामने
सुजीत कुमार का कहना है कि '' पूरी घटना कैसे हुई, इसमें कैसे-कैसे डेवलपमेंट हुआ, कैसे-कैसे बयान आए, फिर क्या-क्या दस्तावेज हैं, इन सबको करने के बाद हम कन्क्लूजन बनाएंगे. '' बता दें कि घटनास्थल के पास कई सीसीटीवी कैमरा लगे हुऐ हैं. जिनके फूटेज भी इस दावे की सच्चाई बता पाएंगी.
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