
प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तराखंड में मॉनसून से पहले हुई तबाही से निबटने में नाकाम साबित हुए आपदा प्रबंधन विभाग की चिंता मौसम विभाग ने बढ़ा दी है।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में सूबे के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके बाद प्रशासन ने सभी 13 जिलों में जिला व पुलिस प्रशासन को तो अलर्ट कर ही दिया है, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की भी तैनाती कर दी है।
आपदा की दृष्टि से प्रशासन ने गढ़वाल मंडल के 6 व कुमायूं मंडल के 5 अतिसंवेदनशील स्थानों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश सम्बंधित अधिकारीयों को दिए हैं। हालात की गंभीरता के चलते मुख्य सचिव ने जहां जिला व पुलिस प्रशासन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर व्यवस्थाओं की जानकारी ली वहीं मंगलवार को सेना व वायु सेना के अधिकारीयों की मौजूदगी में आपदा से जुड़े सभी विभागों की बैठक बुला कर तैयारियों पर चर्चा की जायेगी।
मॉनसून की आमद से पहले ही सूबे में बादल फटने की आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं में अब तक कई लोग तो मारे ही गए हैं, लाखों रुपये की संपत्ति भी मलबे व पानी की भेंट चढ़ गई है। बादल फटने के बाद हुई तबाही से निबटने में आपदा प्रबंधन विभाग की सुस्ती से ये बात तो साफ़ हो गयी है कि आपदा प्रबंधन के मामले में अभी काफी कुछ किया जाना बाकि है।
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है, “उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में मॉनसून के हर सीजन में तबाही आम बात है, लेकिन आपदा के लिहाज से सूबे के उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व पिथौरागढ़ संवेदनशील जिले हैं। इन सभी जिलों पर शासन की पैनी निगाह है। इन सभी स्थानों पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व आपदा से जुड़ी दूसरी एजेंसियों के लोगों को तैनात कर दिया गया है।” इसलिए सेना व वायु सेना को अलर्ट करने के साथ ही सेना और वायु सेना के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई जा रही है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों से निबटा जाए।
मुख्य सचिव हर जिले के आला अधिकारीयों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिग कर उनसे पल पल का अपडेट ले रहे हैं। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी जगह जगह आपदा प्रबंधन की टीमों को तैनात कर यात्रियों में ये विश्वास कायम करने की कोशिश की जा रही है कि चार धाम यात्रा मार्गों पर वे पूरी तरह सुरक्षित हैं।