कैंपस में क्लॉस लेते छात्र
देश का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नॉलॉजी (NIT) के तहत B Tech और M tech की पढ़ाई पॉलिटेक्निक कालेज के कैंपस में होती है और छात्रों की प्रयोगशाला ITI के कैंपस में है. खास बात ह है कि राज्य में यह स्थिति बीते दस साल से है. सूत्रों के अनुसार बीते दस साल से उत्तराखंड के श्रीनगर में NIT का कैंपस इसी तरह कक्षाएं आयोजित हो रही हैं. पॉलिटेक्निक और ITI कॉलेज का कैंपस दूर दूर होने की वजह से छात्रों को रोजाना अपनी जान पर खेलना पड़ता है. दरअसल, कैंपस दूर होने की वजह से छात्रों को NH 58 को खतरनाक तरीके से पार करना पड़ता है इसके चलते कई दुर्घटना हो चुकी है. कुछ दिन पहले ही दो छात्राओं को उस समय एक वाहन ने टक्कर मार दी जिस समय वह प्रैक्टिकल के लिए ITI कैंपस जा रही थीं. दोनों छात्राओं की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है.
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5 अक्टूबर से कक्षाओं का बहिष्कार
इस हादसे के बाद NIT उत्तराखंड में पढ़ने वाले छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने क्लास का बहिष्कार किया है लेकिन उसके बावजूद न तो कालेज के प्रबंधन की आंख खुल रही है और न ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय की. छात्रों का कहना है कि NIT के पास बीते दस साल से न तो स्थाई कैंपस है और न ही अच्छी प्रयोगशाला जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.
VIDEO: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों का जमकर हंगामा.
अभी हाल में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से एक अतिरिक्त सचिव ने कैंपस का दौरा किया लेकिन अब तक जमीन न मिलने के कारण स्थाई कैंपस के बजाए ITI कालेज में BTech, M Tech और PHD की रिसर्च हो रही है.