भारत-पाकिस्तान मुकाबले का टी-20 टाई मैच मेरा फेवरेट : वीरेंद्र सहवाग

भारत-पाकिस्तान मुकाबले का टी-20 टाई मैच मेरा फेवरेट : वीरेंद्र सहवाग

वीरेंद्र सहवाग (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

वह पाकिस्तान के खिलाफ कई यादगार जीत का हिस्सा रहे, लेकिन पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के लिए इस चिरप्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सबसे यादगार पल 2007 में विश्व टी-20 का टाई मैच रहा, जिसे भारत ने बॉल आउट में जीता था। भारत वर्तमान विश्व टी20 में शनिवार को कोलकाता में पाकिस्तान से भिड़ेगा जिसे हमेशा की तरह काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

एक विज्ञप्ति के अनुसार, सहवाग ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच मैचों में मेरा सबसे यादगार पल आईसीसी विश्व टी20 2007 का मैच रहा जो टाई छूट गया था। किसी ने नहीं सोचा था कि दोनों देशों के बीच विश्व टी20 का पहला मैच टाई रहेगा। तब नियम था कि यदि मैच टाई रहता था तो फैसला ‘बॉल आउट’ से होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुकाबले से पहले इसका अभ्यास किया था जहां रोबिन उथप्पा, हरभजन सिंह और मैंने सबसे अधिक बार स्टंप को हिट किया था। इसलिए मैंने महेंद्र सिंह धोनी से कहा कि मैं पहले गेंद करूंगा। मुझे खुद पर पूरा विश्वास था कि यदि मैं पहले गया तो विकेट उखाड़ दूंगा जैसा कि हुआ भी।’’ सहवाग ने कहा, ‘‘हम 1-0 से आगे हो गये। इसके बाद हरभजन और उथप्पा ने भी स्टंप को हिट किया। इसके बाद स्टेडियम शोर के आगोश में डूब गया। हरभजन ने युवराज और मुझे गले लगा लिया। हर कोई जोर से चिल्लाने लगा ‘भारत माता की जय’ और हम यह गीत गाने लगे ‘चक दे इंडिया’ जो तब काफी लोकप्रिय था।

सहवाग ने कहा कि उन्हें भारत की जीत की उम्मीद है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि 19 मार्च को जब दोनों टीमें फिर से आमने-सामने होंगी तो दृश्य नहीं बदलेगा।  भारत और पाकिस्तान के बीच अन्य मुकाबलों के बात करते हुए सहवाग ने कहा कि 1999 में अपने पदार्पण मैच में छींटाकशी को वह नहीं भूल सकते।

उन्होंने कहा, यह हर तरह से मेरे लिए अप्रैल फूल का दिन था। यह मेरा पहला मैच था और मैं एक रन पर आउट हो गया, लेकिन इस मैच के दौरान मुझे अपने करियर में पहली बार भारत-पाक के बीच मैच के तनाव का पता चला। मुझे भारत और पाकिस्तान के बीच मैच का महत्व समझ आया और मैं इन मुकाबलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिये इसका महत्व जान पाया।

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सहवाग ने कहा, ‘‘उस मैच में मैं सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये आया तथा इमरान नजीर और शाहिद अफरीदी ने लगातार गालियां देकर मेरा स्वागत किया। इतनी अधिक की कि ऐसा लग रहा था कि अफरीदी मेरा दोस्त है और हमारे बीच आपस में केवल गालियों में ही बात होती है। शोएब अख्तर ने मुझे आउट किया और उसने भी मुझ पर ताना मारने का मौका नहीं गंवाया क्योंकि मैं उसकी पहली गेंद पर आउट हो गया था। इसके बाद मैं क्षेत्ररक्षण करते समय अपने मौके का इंतजार करने लगा। सहवाग ने कहा कि जब वह बाद में मैदान पर लौटे तो उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ वैसा ही व्यवहार किया। उन्होंने कहा, मैंने उनके कुछ खिलाड़ियों के लिए अपशब्द कहे लेकिन सीमा नहीं लांघी क्योंकि हम भारतीय अपने प्रतिद्वंद्वियों का सम्मान करते हैं और छींटाकशी और अपशब्द कहने के बजाय खेलने पर अधिक ध्यान देते हैं।