बांग्लादेश में भारी बारिश से हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढकर 146 हो गई और खोज एवं बचाव अभियान तेज किया गया. ज्यादातर लोगों की मौत भारत की सीमा से लगते सुदूर पहाड़ी जिले में हुईं.
मिजोरम और त्रिपुरा की सीमाओं से सटे दक्षिणपूर्वी रांगामाटी हिल जिला सर्वाधिक प्रभावित है. यहां भूस्खलन की कम से कम 20 घटनाएं हुई हैं, जहां बचाव अभियानों में लगे सेना के चार जवानों सहित कुल 105 लोगों की जानें गईं हैं. इसके अलावा बंदरबन और चटगांव इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि अभी भी बड़ी संख्या में लोग लापता हैं.
अधिकारियों ने कुल 129 लोगों की मौत की पुष्टि की है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में मृतकों की संख्या 146 बताई जा रही है. बंगाल की खाड़ी में दबाव का क्षेत्र बनने के कारण पिछले तीन दिन से तेज बारिश हो रही है और इसके कारण सोमवार से तीन जिलों में अनेक स्थानों पर भूस्खलन हुआ है.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले रांगामाटी में ही 105 लोगों की मौत हुई है. इनमें सेना के कई अधिकारी और सैनिक शामिल हैं.
आपदा प्रबंधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बेघर हो गए 4,000 लोगों को 18 सरकारी आश्रय स्थलों पर भेजा गया है. बचाव कार्यों में लगे सेना के कई जवान भी मारे गए हैं.
स्थानीय लोगों ने कहा कि भूस्खलन से चार जवानों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ढाका में एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि सेना के एक मेजर एवं एक कैप्टन सहित चार कमर्यिों की मौत हो गई.
बंदरगाह शहर चटगांव से कम से कम 33 मौतों की खबर है. इस शहर में पांच बार भूस्खलन हुआ, जबकि पडोसी बंदरबन जिले में मूसलाधार बारिश से तीन बार भूस्खलन हुआ.
(इनपुट भाषा से)
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