नवाज शरीफ की फाइल तस्वीर
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हाई प्रोफाइल पनामागेट रिश्वत मामले की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल के समक्ष गुरुवार को पेश होने के लिए समन किया गया है. वह देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे जो पद पर रहते हुए इस प्रकार के किसी पैनल के समक्ष पेश होंगे.
संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के प्रमुख वाजिद जिया ने शनिवार को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री से छह-सदस्यीय जांच दल के सामने 15 जून को स्थानीय समयानुसार पूर्वाहन 11 बजे मामले में प्रासंगिक सभी दस्तावेजों के साथ पेश होने को कहा.
कजाकिस्तान यात्रा से लौटने के बाद 67-वर्षीय शरीफ को समन जारी किया गया था. उन्होंने वहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया था.
'डॉन न्यूज' ने बताया कि इस मामले पर चर्चा करने के लिए शरीफ ने रविवार को लाहौर में अपने विश्वासपात्रों से मुलाकात की. अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श के बाद उन्होंने समन का पालन करने और गुरुवार को जेआईटी के समक्ष पेश होने का फैसला किया.
शरीफ की पेशी से पहले वित्त मंत्री इसहाक डार से पूछताछ की जा सकती है. सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मरियम औरंगजेब ने कुछ टीवी चैनलों को बताया कि प्रधानमंत्री को जेआईटी का समन मिला है. वह सुप्रीम कोर्ट के 20 अप्रैल के आदेश के अनुसार अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जेआईटी ने परिवार के कथित अनुचित कारोबारी सौदों को लेकर नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन से पिछले महीने पूछताछ की थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Advertisement
Advertisement