न्यूयार्क:
भारत-पाक मुद्दों को सुलझाने के लिए भारत द्वारा दिखाई गई अत्यंत परिपक्वता का उदाहरण देते हुए पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को सलाह दी है कि वह उनके देश के प्रति इल्जाम लगाने वाले खेल में शामिल होने की बजाय भारत के नक्शे कदम पर चले और संबंधों को मजबूत करने के बारे में सीखे। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल्ला हुसैन हारून ने कहा कि यदि अफगानिस्तान की जमीन पर एक पत्ता भी गिरता है तो अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई इस्लामाबाद की तरफ उंगलियां उठाना शुरू कर देते हैं और कहते हैं कि निश्चित रूप से इसे पाकिस्तानियों ने अंजाम दिया है। हारून ने कहा, यह इस तरह काम नहीं करता है। मैं समझता हूं कि करजई के लिये भारत एक अच्छा उदाहरण है जिसके तहत उन्हें यह समझना चाहिये कि आरोप लगाने वाले खेल का कोई मतलब नहीं है। हारून ने माना कि 26/11 के बाद के माहौल की तुलना में आज भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्तों में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों ने चीजों को एक दूसरे के नजरिये से देखना शुरू कर दिया है और इसका श्रेय बातचीत की प्रक्रिया को जाता है। हारून ने कहा, मेरी कामना है कि राष्ट्रपति करजई, पाकिस्तान की तरफ इल्जाम लगाने वाले रवैये के बजाय भारत से सीख लें। पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि यदि भारत और उनका देश संबंधों को मजबूत कर रहे हैं तो अफगानिस्तान को इससे एक सीख लेना चाहिये और उसी तरह के रास्ते पर चलना चाहिये। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान भारत से सीखे जिसने मेरी समझ से काफी परिपक्वता दिखाई है। उन्होंने कहा, चलिये एक दूसरे से बातचीत करते हैं..हो सकता है कि इससे कुछ अच्छा निकलकर आ जाये। जो भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहा है। मैं समझता हूं यह दोनों ही देशों के लिये गर्व का क्षण है। इससे पहले पिछले सप्ताह करजई ने काबुल में शिया मुस्लिमों पर हमले के लिये पाकिस्तानी अतिवादियों पर आरोप लगाया था। इस हमले में 58 लोग मारे गये थे। हारून ने कहा कि जो भविष्यवक्ता यह सोचते हैं कि एक और 26.11 की घटना भारत पाकिस्तान के बीच संवाद प्रक्रिया को रोक देगी उन पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिये। इसके बजाय यह संदेश भेजा जाना चाहिये कि ऐसी किसी भी घटना के बावजूद प्रगति के लिये चर्चा जारी रहेगी।
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