
प्रतीकात्मक तस्वीर
पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने सन 1971 में हुए युद्ध के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच हुए शिमला समझौते को एक 'बड़ी गलती' करार देते हुए कहा कि इससे कश्मीरियों की 'आजादी की लड़ाई' को नुकसान पहुंचा है.
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उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'शिमला समझौता एक बड़ी गलती (पाकिस्तान के लिए) थी, क्योंकि इससे आजादी के लिए लड़ रहे कश्मीरियों की भावनाओं व उनके आंदोलन को नुकसान पहुंचा.' शहबाज शरीफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं.
शरीफ के बयान पर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, क्योंकि शिमला समझौता सन 1971 में पीपीपी के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो तथा उनके भारतीय समकक्ष इंदिरा गांधी के बीच हुआ था.
समझौते के परिणामस्वरूप सन 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लगभग 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई हुई थी और पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था.
शरीफ ने क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर भी निशाना साधा और कहा कि भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के बजाय वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे देश का विभाजन ही बढ़ेगा.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)