15 साल के अभय की अनूठी कामयाबी, IIT पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के छात्रों में हुआ शुमार

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले इस लड़के की ऑल इंडिया रैंकिंग 2,467 है.

15 साल के अभय की अनूठी कामयाबी, IIT पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के छात्रों में हुआ शुमार

अभय अग्रवाल ने मात्र 15 साल की उम्र में आईआईटी-जेईई (एडवांस) में सफलता प्राप्त की है

खास बातें

  • अभय अग्रवाल बेहद साधारण परिवार से है
  • उसके पिता फिरोजाबाद नगर निगम में पंप अटेंडेंट हैं
  • घर वालों ने अभय की पढ़ाई-लिखाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी
फिरोजाबाद:

15 साल का अभय अग्रवाल पहली नजर में 10वीं क्लास के किसी छात्र जैसा ही दिखता है, लेकिन उसकी कामयाबी बहुत बड़ी है. अभय ने आईआईटी-जेईई (एडवांस) में सफलता हासिल कर मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अपना एडमिशन पक्का कर लिया है.

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के रहने वाले इस लड़के की ऑल इंडिया रैंकिंग 2,467 है. वह स्कूली पढ़ाई में छलांग लगाते हुए ऊंची क्लास में पहुंच गया और अपने सहपाठियों के मुकाबले 12वीं की परीक्षा कम उम्र में ही पास कर ली. यह उसकी मेहनत और लगन का नतीजा है कि अब उसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) में दाखिला मिलने जा रहा है.

अभय एक बेहद साधारण परिवार से है. उसके पिता मुकेश आर्ट्स ग्रेजुएट हैं और फिरोजाबाद नगर निगम में पंप अटेंडेंट के रूप में काम करते हैं. उसकी मां एकता ने 12वीं तक की पढ़ाई की हुई है. लेकिन इस परिवार के लिए शिक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है. उन्होंने अभय और उसके बड़े भाई की पढ़ाई-लिखाई के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. उसका बड़ा भाई भी इंजीनियर बनने के लिए पढ़ाई कर रहा है. माता-पिता ने इन दोनों भाइयों को हमेशा फोकस होकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन लक्ष्य को लेकर उनके सिर पर कोई बोझ नहीं डाला.

अभय ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, मेरे माता-पिता ने शहर के एक कोचिंग संस्थान में मेरा नाम एडमिशन करवा दिया. कुछ लोगों ने मुझे हतोत्साहित भी किया, लेकिन मैं इससे और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित हुआ.

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के दौरान वह अपने बाकी साथियों से अलग सोशल मीडिया और ध्यान भटकाने वाली अन्य चीजों से बिल्कुल दूर रहा. उसने यूपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में 85.63 फीसदी अंक हासिल किए थे, जबकि सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में उसे 87.2 फीसदी नंबर प्राप्त हुए.

इससे पहले, साल 2013 में बिहार के 13 साल के एक लड़के ने आईआईटी-जेईई प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की थी और वह यह कारनामा करने वाला देश का सबसे कम उम्र का छात्र बना. वह इससे पिछले साल भी परीक्षा में कामयाबी हासिल कर सबसे कम उम्र का सफल प्रतिभागी बना था, लेकिन अपनी ऑल इंडिया रैंकिंग सुधारने के लिए वह दोबारा प्रवेश परीक्षा में शामिल हुआ था.

उससे पहले साल 2010 में दिल्ली के सहल कौशिक ने 14 साल की उम्र में आईआईटी-जेईई परीक्षा में कामयाबी हासिल की थी. उसकी ऑल इंडिया रैंकिंग 33 रही थी. वह आईआईटी कानपुर कैंपस में पहुंचने वाला सबसे कम उम्र का छात्र था.


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